अराफात के मैदान पर चिलचिलाती धूप में की इबादत

जालना: हज के लिए दुनिया भर से पहुंचे हाजियों के साथ ही मंगलवार को हज के दूसरे दिन जालना के हाजियों ने भी अराफात के मैदान पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए चिलचिलाती धूप में कभी खड़े होकर तो कभी बैठकर इबादत करते हुए अपने रब से गुनाहों की माफी मांगी.

हज यात्रा, करेंसी बदलने के लिए पैन कार्ड होगा अनिवार्य

Jalna: This year, many rules have been changed in Haj pilgrimage, in which now Hajis will not get 1500 riyals on reaching Saudi as before. They have to change currency from India itself. But for this PAN card will be necessary. Otherwise, you may have to face a lot of difficulties in changing the currency.

जिले से ४११ लोगों ने भरा हज यात्रा का फॉर्म

जालना: हज यात्रा को जाने के इच्छुक लोगों के लिए २० मार्च आवेदन का आखिरी दिन था.  जालना जिले से कुल ४११ इच्छुक ने फॉर्म भरा है. अब इनमें से कितने लोगों का  हज के लिए चयन होगा इसका पता मुंबई में रमजान के पहले अशरे में संपन्न होने वाले ड्रा के बाद ही पता चलेगा. 

हज यात्रा आवेदन प्रक्रिया १० दिन बढ़ाई गई

जालना: हज यात्रा आवेदन प्रक्रिया १० फरवरी से प्रारंभ हुई थी. १० मार्च को इसकी अंतिम तिथि थी लेकिन नागरिकों की मांग पर अब इसे बढ़ाकर २० मार्च कर दिया गया है. यह जानकारी राज्य हज कमेटी सदस्य फिरोजलाला तांबोली ने दी.

हज यात्रियों को भारत से ही सऊदी रियाल ले जाना होगा

जालना: इस साल बनाई गई नई हज नीति के तहत केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय ने हज यात्रा में कई तरह के बदलाव किए है. इसी के तहत अब भारत से जाने वाले यात्रियों को पहले की तरह सऊदी अरब में २१०० रियाल नहीं मिलेंगे. बल्कि उन्हें भारत से ही कम से कम १५०० रियाल ले जाने होंगे. 

हलाल कमाई की बरकत (Prosperity of Halal Income)

मेहनत से कमाई करके अपने बाल बच्चों की परवरिश करना, घरवालों को मुहताजी से बचाना और खुद भी बचना बहुत बड़ी इबादत ही नहीं बल्कि इस्लाम के पांच रुक्नों के बाद सबसे बड़ी फ़र्ज़ इबादत है। कुरान व हदीस में इसके बारे में सख्त ताकीद आई है अल्लाह पाक फरमाता है, हमने तुम्हें जमीन पर रहने के लिए जगह दी और उसी में तुम्हारे लिए रोज़ी  बनाई (सूरह आराफ़) और सूरह हजर में फरमाया और हमने तुम्हारे लिए वहां रोज़ी के साधन बनाएं और उन्हें भी रोजी दी जिन को तुम खिला पिला नहीं सकते थे।  सूरह बकर में फरमाया- हज के मौके पर भी तुम्हें अपनी रोजी तलाश करने में कोई गुनाह नहीं।

इमाम अहमद रज़ा खां फ़ाज़िले बरैलवी रहमतुल्लाह अलैह (आला हज़रत) की ज़िन्दगी

हमारे मुल्क हिंदुस्तान के बरैली शहर में 14 जून 1856 ईस्वी में सनीचर के दिन ज़ोहर के वक़्त हमारे आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फ़ाज़िले बरैलवी रहमतुल्लाह अलैह पैदा हुए। जिन्होंने इस्लाम को एक नयी ज़िन्दगी बख्शी। उनके किरदार उनके इल्म उनकी किताबों को पढ़कर आप इस्लाम के रास्ते पर चल सकते हैं। आपने ऐसी खूबियां मौजूद थी की आपके सामने दुनिया की बातिल ताकतें भी मात खा गयी। 14 साल की उम्र में आपमें इल्म का ऐसा दरिया था की उस वक़्त के बड़े बड़े आलिमों ने आपके इल्म का लोहा माना। आपने अपनी किसी खिदमत का कभी पैसा नहीं माँगा और मांगते भी क्यों? वह तो अपने आका के ऐसे गुलाम थे की दीन को फैलाना ही उनकी ज़िन्दगी का मकसद था। आपकी इल्मी व अमली काबिलियत को देखकर उस वक़्त के मशहूर बुज़ुर्ग हज़रत वारिस अली शाह आपके लिए बोल पड़े इसका मर्तबा अपने वक़्त के आलिमो और वलियों में आला हैं फिर तो आप आला हज़रत बनकर ही दुनिया में चमके।

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की कहानी और समंदर वाला वाक़्या

हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम अल्लाह के सबसे प्यारे नबियों में से एक नबी थे। उन्हें कलीमुल्लाह के नाम से उस वक़्त जाना जाता था। जिसका मतलब होता हैं अल्लाह से सीधे बात करना वाला। यानि की हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम में ऐसी करिश्माई ताकत थी की वो सीधे अल्लाह से बात कर सकते थे। हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की कहानी का ज़िक्र कई हदीसों में आया है। आज हम कोशिश करेंगे की आप को ज़्यादा से ज़्यादा हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के बारे में बता सके।

शबे मेराज का वाकिया | Shab e Meraj ka waqia in Hindi

मेराज की घटना नबी (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) का एक महान चमत्कार है, और इस में आप (सल्ललाहो अलैहि वसल्लम) को अल्लाह ने विभिन्न निशानियों का जो अनुभव कराया यह भी अति महत्वपूर्ण है। मेराज के दो भाग हैं, प्रथम भाग को इसरा और दूसरे को मेराज कहा जाता है, लेकिन सार्वजनिक प्रयोग में दोनों ही को मेराज के नाम से याद कर लिया जाता है।

दरगाह हजरत गरीब शाह दातार का उर्स उत्साह के साथ संपन्न

जालना: जालना शहर के गरीब शाह बाजार स्थित हजरत गरीब शाह दातार (रअ) के उर्स के उपलक्ष्य में १३ और १४ फरवरी को विविध मजहबी कार्यक्रम उत्साह के साथ संपन्न हुए.

सलाहुद्दीन अय्यूबी कौन थे ? सलाहुद्दीन अय्यूबी का इतिहास

क्या आप जानते हैं कि इराक में पैदा होने वाले सलाहुद्दीन अय्यूबी ने ही बैतुलमुक़द्दस को फतह किया था। सलाहुद्दीन अय्यूबी ने ही दुनिया की सबसे आधुनिक सल्तनत की बुनियाद रखी थी। उनके जरिये स्थापित की गई अय्यूबी सल्तनत ने 100 सालों तक आधी दुनिया पर राज किया। इस सल्तनत की सरहदें मिश्र से लेकर सीरिया, तुर्की, यमन, हिजाज़ और अफ्रीका तक फैली हुई थी। 

مسجدھدایت الاسلام خانقاہ رحمانیہ(بسمﷲباغ٬مالیگاؤں)کی تعمیرجدیدکے

مقام مسرت ہےکہ آج مورخہ 23/جنوری2023ءبروزپیرکومسجدھدایت الاسلام خانقاہ رحمانیہ(بسمﷲباغ٬مالیگاؤں)کی تعمیرجدیدکےایک اہم مرحلے(بیسمینٹ کےکالمس کی بھرائی)کا آغاز حضرت مولانا مفتی محمد حسنین محفوظ نعمانی صاحب(قاضی شریعت دارالقضاء٬مالیگاؤں)کےدست مبارک سےہوا٬اس مبارک موقع پرحضرت مفتی صاحب نےمسجد و خانقاہ کی مکمل تعمیرکےلیے دعابھی فرمائی۔

यह देश जितना प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस प्रमुख का है, उतना मेरा भी है: मौलाना महमूद मदनी

जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम समूह) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने संगठन के 34वें महा अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत इस्लाम की जन्मस्थली और मुसलमानों का पहला वतन है. भारत हिंदी-मुसलमानों के लिए वतनी और दीनी, दोनों लिहाज़ से सबसे अच्छी जगह है.

जालना में हज यात्रा के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना शुरू * खादीमीन हुज्जाज हज कमेटी का उपक्रम

खादीमीन हुज्जाज हज कमेटी द्वारा आज से हज यात्रा आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत की गई. इसके उद्घाटन अवसर पर फिरोजलाला तांबोली मार्गदर्शन कर रहे थे. इस समय कमेटी के अध्यक्ष अहमद बिन सईद चाऊस, राज मोहम्मद तांबोली आदि उपस्थित थे. 

अब फ्री होगा हज यात्रा का आवेदन, खर्च में 50000 तक की छूट **राज्य हज कमेटी सदस्य फिरोज लाला तंबोली ने  बताई नई हज पॉलिसी की खास बातें

जालना:  नए आदेश के मुताबिक पिछली बार हज यात्रा में सामान्य हज यात्री का एवरेज खर्च 390000 था, जो इस बार घट जाएगा. इसी के साथ नियम में और कई तरह के बदलाव किए गए हैं. महाराष्ट्र राज्य हज कमेटी के सदस्य जालना के फिरोज लाला तांबोली ने नई हज नीति को लेकर बताते हुए कहा की हज यात्रा इस्लाम की सबसे पवित्र यात्रा है इसको लेकर जो नए नियम बने है उससे कितना फायदा होगा तथा किन समस्याओं के लेकर निर्णय लेने होंगे यह तो समय ही बताएगा. 

हज को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, कोटे में मिलने वाली इस बड़ी सुविधा को किया खत्म

केंद्र की मोदी सरकार ने हज को लेकर अहम फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने हज में वीआईपी कोटे को खत्म कर दिया है. बता दें कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री और हज कमेटी को कोटे के तहत सीटें मिलती थीं. हज में राष्ट्रपति कोटे से 100, उपराष्ट्रपति कोटे से 75, पीएम कोटे से 75, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री कोटे से 50 और हज कमेटी ऑफ इंडिया को 200 सीटें मिलती थीं. वीआईपी कोटे में कुल 500 सीटें थीं.

राजनीति को बाजू रख मुस्लिम समाज के संपूर्ण विकास ही होगा लक्ष्य – फिरोजलाला तांबोली

फोटो: बुधवार को नरीमान नगर स्थित हुदा उर्दू स्कूल में महाराष्ट्र राज्य हज समिति के नवनिर्वाचित सदस्य हाजी फिरोजलाला तांबोली का स्वागत किया गया. इस समय पूर्व राज्यमंत्री अर्जुन खोतकर, पूर्व नगरसेवक शेख वहीद, अहमद बिन सईद चाऊस, फिरोजअली मौलाना उपस्थित थे. 

जिले के हज यात्रियों को एक ही बिल्डिंग में ठहराने का होगा प्रयास – फिरोजलाला तांबोली

जालना: महाराष्ट्र राज्य हज कमेटी के सदस्य के रूप में जालना के हाजी फिरोजलाला तांबोली का चयन होने के बाद उनका विविध संगठनों द्वारा स्वागत किया जा रहा है. आज खादीमीन हुज्जाज हज कमेटी ने उनका स्वागत उनके समक्ष हज यात्रा को लेकर कई मुद्दे रखे. फिरोजलाला तांबोली ने कहा की एक जिले के हज यात्रियों को एक ही बिल्डिंग में ठहराने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे. 



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