पैगंबर मोहम्मद पूरी कायनात के लिए रहमत – अल्लाह बख्श

जालना: पैगंबर मुहम्मद (स अ) के आने से पहले पूरी दुनिया कुफ्र, शिर्क, गुमराहीयत और बडे बडे गुनाहों में जकड़ी हुई थी. यहां तक की दूर दूर तक अमन शांती नजर नही आती थी. औरतों का कोई मुकाम नही था. यहां तक के औरत को इतना बुरा समझा जाता था कि बाप अपनी बेटी को अपने हाथों से जिंदा दफन कर दिया करते थे. शराब नोशी पानी की तरह पायी जाती थी. जिना(बलात्कार) आम था, बेवा औरतों को बहुत गलत निगाह से देखा जाता था. इसके अलावा बेशुमार गुनाहों का दलदल बना हुआ था. ऐसे मौके पर अल्लाह ने पैगंबर मुहम्मद (सअ) को पूरी कायनात के लिए रहमत बनाकर भेजा.

यह प्रतिपादन जुमा की नमाज के पहले जम जम मस्जिद में काझी अल्लाह बख्श अमजदी ने १२ रबीउल अवल ईद ए मिलाद के उपलक्ष्य में जानकारी देते हुए किया. 

उन्होंने कहा कि, ईद ए मिलाद मनाना खुशी और खैर ओ बरकत है. नेमत और रहमत के मिलने पर खुशी मनाने का हुक्म अल्लाह ने कुरान में दिया है. पैगंबर मोहम्मद (सअ) तमाम रहमतों में सबसे बड़ी रहमत है. मिलाद ए मुस्तफा के मौके पर हुजूर ने खुद रोजा रखा और अपनी पैदाइश की खुशी का इजहार फरमाया. सहाबा, औलिया, तमाम बुजुर्गाने दीन ने मिलाद की महफिल सजाई और ता कयामत तक सजाते रहेंगे. इस खुशी के मौके पर हराम कामों से बचें जैसे डीजे, बाजे, पटाखे, रंग और चमकी उड़ाना यह सब नाजायज और हराम है. जुलूस ए मोहम्मदी के दौरान ऐसे कामों से बचना जरूरी है. 

ईद ए मिलाद के मौके पर रोजे रखना, नमाजों को एहतेमाम करना, गरीबों की देखभाल करना, यतीमों के सर पर हाथ रखना आदि नेकी के काम ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए. इस मौके पर जम जम मस्जिद आरिफ कॉलनी के पास शरबत का वितरण भी किया जाएगा. 

* हुकुमत से शराब पर पाबंदी लगाने और ईद के दिन बिक्री बंद रखने की मांग

मौलाना अल्लाह बख्श अमजदी ने कहा की जमात रजा ए मुस्तफा ने सरकार से मांग की है की देश में शराब पर पाबंदी लगाई जाए तथा विशेष के ईद के दिन शराब की दुकानों और शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाई जाए. सभी से अपील की गई है की ईद ए मिलाद अमन और शांति के साथ सभी को साथ लेकर मनाए तथा इस्लाम के पैगाम को सभी तक पहुंचाए. 

मौलाना अल्लाह बख्श अमजदी.