शरियत की नाफरमानी करने से बचे ख्वातीने इस्लाम – रुकैय्या रजविया
जालना: इस्लाम में शौहर की फरमा बरदारी करने का हुक्म औरतों को दिया गया है. इसको लेकर पैगंबर मुहम्मद (सअ) ने बताया है की यदि अल्लाह के अलावा किसी को सजदा करना जायज होता तो मैं औरतों को हुक्म देता की वो अपने शौहर को सजदा करें. इस बात से यह पता चलता है की शोहर का मर्तबा कितना बड़ा है. इसलिए ख्वातीन इस्लाम को चाहिए की वे अपने शौहर का हुक्म मानने और शरीयत की नाफरमानी करने से बचें. नमाज इस्लाम का एक अहम रुक्न है. महिलाओं को चाहिए की नमाज अदा करने में किसी भी तरह की कोताही न बरते.