जीवन को व्यवस्थित बनाने के लिए गुरु बनाना आवश्यक
जालना: शिल्पकार द्वारा बनाई गई मूर्ती तब तक पूजी नहीं जाती जब तक गुरु उसमें सूरीमंत्र द्वारा संस्कार नही भर देते. ठीक उसी तरह मनुष्य को भी अपने जीवन को सफल बनाने के लिए उसे संस्कारित और व्यवस्थित करना जरूरी है. यह कार्य केवल गुरु ही कर सकते है. यह प्रतिपादन बुधवार को जैन निर्यापक मुनि श्री वीरसागरजी महाराज ने किया.