जैन समाज के लिए धार्मिक आनंद का पर्व – आनंद सुराणा

जालना:  जैन धर्म में  बेहद पवित्र माना जाने वाला चातुर्मास इस साल काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस बार ५ माह का चातुर्मास तो है ही उसी के साथ  दुग्धशर्करा योग यानी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2550 वां निर्वाण वर्ष इस चातुर्मास में शुरू हो रहा है. यह निर्वाण वर्ष 12 नवंबर को शुरू हो रहा है, इसलिए यह चतुर्मास बहुत पवित्र माना जा रहा है. यह जानकारी जैन कॉन्फ्रेंस प्रचार- प्रसार मंत्री तथा श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ जालना के पूर्व महामंत्री  आनंद कुमार सुराणा ने दी.

पपू गुरु गणेशलालजी  मसा की भक्ति में डूबी जालना नगरी

जालना:  पपू गुरु गणेशलालजी मसा की ६१ पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में शुक्रवार की सुबह निकाली गई भव्य शोभायात्रा का शहर भर में स्वागत किया गया. जालना शहर के ग्रामीण इलाकों के साथ ही अन्य जिलों और शहरों से पैदल यात्रियों के जालना पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इन सभी का शहर में भव्य स्वागत किया जा रहा है. 

पपू गुरु गणेशलालजी  मसा की भक्ति में डूबी जालना नगरी

जालना:  पपू गुरु गणेशलालजी मसा की ६१ पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में शुक्रवार की सुबह निकाली गई भव्य शोभायात्रा का शहर भर में स्वागत किया गया. जालना शहर के ग्रामीण इलाकों के साथ ही अन्य जिलों और शहरों से पैदल यात्रियों के जालना पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इन सभी का शहर में भव्य स्वागत किया जा रहा है. 

पपू गुरु गणेशलालजी मसा का सानिध्य सभी के लिए आश्रय – आनंद सुराणा

जालना: जालना का नाम देश और दुनिया में चमकने का एक मात्र कारण यही है की यहां पर घोर तपस्वी कर्नाटक गजकेसरी पपू गुरु गणेशलालजी मसा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर इस मिट्टी को पावन कर दिया. उनके समाधि स्थल के दर्शन के लिए दुनिया भर के श्रद्धालुओं में उत्सुकता है तथा हर अमावस को यहां पर पहुंच दर्शन करने पर मनोकामना पूरी होने के चलते सभी धर्म के लोग यहां पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ पहुंचते है. तपोधाम में आने वालों को सभी तरह की सुविधा हो इस उद्देश्य से शहर का हर नागरिक काम पर लगा हुआ है. 

पपू गुरु गणेशलालजी मसा का सानिध्य सभी के लिए आश्रय – आनंद सुराणा

जालना: जालना का नाम देश और दुनिया में चमकने का एक मात्र कारण यही है की यहां पर घोर तपस्वी कर्नाटक गजकेसरी पपू गुरु गणेशलालजी मसा ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर इस मिट्टी को पावन कर दिया. उनके समाधि स्थल के दर्शन के लिए दुनिया भर के श्रद्धालुओं में उत्सुकता है तथा हर अमावस को यहां पर पहुंच दर्शन करने पर मनोकामना पूरी होने के चलते सभी धर्म के लोग यहां पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ पहुंचते है. तपोधाम में आने वालों को सभी तरह की सुविधा हो इस उद्देश्य से शहर का हर नागरिक काम पर लगा हुआ है. 



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