जिले में साहूकारों की संख्या बढ़ी !

जालना  बैंकों की अक्षमता के कारण,  किसानों या अन्य जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए साहूकारों के पास जाना पडता है.   पैसा उधार लेने से अस्थायी जरूरत पूरी हो जाती है, लेकिन बाद में पैसा चुकाने के दौरान कई तरह की प्रताड़ना से भी कर्जदारों को गुजरना पड़ता है. अधिक ब्याज देने, जमीन वापस नहीं करने सहित कई ववादि खडे हो जाते है.  किसानों को सूदखोरी से मुक्त कराने के लिए एक ओर सरकारी कार्यक्रम चल रहा है, दूसरी ओर लाइसेंसी साहूकारों की संख्या बढ़ी है, वहीं लाइसेंसधारी साहूकारों के साथ-साथ गैर लाइसेंसी साहूकारों की संख्या भी बड़ी है. इसलिए, किसानों या अन्य लोगों के साहूकारों से मुक्त होने की संभावना कम होती जा रही है।

श्रीश्री रविशंकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 2 फरवरी को जालना में

जालना: जालना, परतुर और मंठा तहसील में श्री श्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिव्हिंग केंद्र के मार्फत चलाए जा रहे जनसंवर्धन कामों का जायजा लेने और किसानों के साथ संवाद साधने के लिए श्री श्री रविशंकर गुरुवार को जालना जिले के परतूर तहसील स्थित वाटुर का दौरा करेंगे. इस समय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में उपस्थित रहकर किसानों का मार्गदर्शन करेंगे. 

जर्मन कृषक लॉरा ने बांस और अन्य फसलों की खेती की तकनीक सीखी

जालना/प्रतिनिधि- जर्मनी की 24 वर्षीय कृषि अनुसंधानकर्ता मिस लॉरा, जो भारत में कृषि अध्ययन के लिए यात्रा पर है  ने जालना शहर से सटे खरपुडी में प्रगतिशील किसान डॉ.  सुयोग कुलकर्णी के खेत में पहुंच  अनार, बांस की खेती व अन्य फसलों की जानकारी ली.   उन्होंने पूरा दिन इन फसलों के बारे में जानने और उनका बारीकी से अध्ययन करने में बिताया और कहा कि वे जर्मनी में भी बांस से बने उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर ध्यान देंगी. 



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