जिले में साहूकारों की संख्या बढ़ी !
जालना बैंकों की अक्षमता के कारण, किसानों या अन्य जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए साहूकारों के पास जाना पडता है. पैसा उधार लेने से अस्थायी जरूरत पूरी हो जाती है, लेकिन बाद में पैसा चुकाने के दौरान कई तरह की प्रताड़ना से भी कर्जदारों को गुजरना पड़ता है. अधिक ब्याज देने, जमीन वापस नहीं करने सहित कई ववादि खडे हो जाते है. किसानों को सूदखोरी से मुक्त कराने के लिए एक ओर सरकारी कार्यक्रम चल रहा है, दूसरी ओर लाइसेंसी साहूकारों की संख्या बढ़ी है, वहीं लाइसेंसधारी साहूकारों के साथ-साथ गैर लाइसेंसी साहूकारों की संख्या भी बड़ी है. इसलिए, किसानों या अन्य लोगों के साहूकारों से मुक्त होने की संभावना कम होती जा रही है।