
महाराष्ट्र लोकायुक्त ने जालना के मामले में जारी किया आदेश
दो गांवों के ६०० भूखंड धारकों की परेशानी हुई हल
*भूखंड खरीदा है तो फेरफार की जिम्मेदारी पटवारी की
* जनता को बिना वजह चक्कर काटने की जरुरत नही
जालना: अकसर देखा जाता है की लोग भूखंड खरीदकर उसकी रजिस्ट्री करते है तथा उसके बाद ७/१२ पर भी अपना नाम दर्ज करवाने के लिए तलाठी, तहसील कार्यालय और जिलाधिकारी कार्यालय की चक्कर काटते है. लेकिन महाराष्ट्र लोकायुक्त ने जालना के प्रकरण में दो टुक आदेश देकर कहा की ऐसा करना गलत प्रथा है. सरकारी महकमे की जिम्मेदारी है की वो बिना देरी किए नाम दर्ज करवाए.
लोकायुक्त न्यायमूर्ती व्ही एम कनाडे ने यह भी कहा कि, हर तरह का शुल्क अदा करने के बाद रजिस्ट्री होती है इसलिए नाम दर्ज करवाने के वास्ते अलग से आवेदन की जरुरत ही नही है. तलाठी तथा महकमे के सबंधीतों की यह जिम्मेदारी है की वे बिना देरी किए रजिस्ट्रार कार्यालय से स्वयं दस्तावेज जमा कर आगे की कार्रवाई करें.
* सावरगांव और सिंधीकाले गांव मामले को लेकर लोकायुक्त से लगाई गई थी गुहार
जालना तहसील के सावरगांव में गट नंबर ८४ और ८५ पर कई प्लाट निकाले गए तथा इन प्लाटों की बिक्री ४७७ लोगों को की गई. लेकिन इनमें से केवल १६२ प्लाट धारकों के नाम ही ७/१२ पर दर्ज किए गए जबकि ३१४ लोग अपना नाम दर्ज कराने के लिए पटवारी और तहसील कार्यालय की चक्कर काटते रहे. इसी तरह सिंधी कालेगांव के गट क्रमांक १६६ में प्लाट खरीदने वाले ७२ लोगों के नाम ७/१२ पर दर्ज नहीं किए जा रहे थे.
आखिरकार इस मामले में कुसुम लोंढे सहित अन्य ने महाराष्ट्र लोकायुक्त से शिकायत कर इन्साफ की गुहार लगाई. इस प्रकरण में एॅड प्रदिप कुलकर्णी के मार्गदर्शन में जालना के एड महेश धन्नावत ने लोकायुक्त के समक्ष सारे सबूत पेश किए उनका सहयोग एड राहुल इंगोले ने किया.
*लोकायुक्त को भ्रष्ट कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया
एड महेश धन्नावत ने लोकायुक्त को बताया की महाराष्ट्र जमीन महसूल संहिता १९६६ की धारा १५२ और १५४ के प्रावधान के अनुसार संबंधीत उप निबंधक के सामने दस्तावेजों का पंजीयन होने के बाद इसकी सूचना उप निबंधक द्वारा ही संबंधित गांव के पटवारी को देना जरूरी है. इस जानकारी के बाद पटवारी और संबंधित महकमे की जिम्मेदारी है कि वे स्वयं भूखंड खरीदकर उसकी रजिस्ट्री कराने वालों के नाम ७/१२ पर दर्ज करें. अपने आदेश में लोकायुक्त ने यह भी कहा की नाम दर्ज करने में देरी या तो कू प्रशासन है या फिर भ्रष्ट नीति के तहत जानबूझकर की जा रही देरी ही है. कुछ लोगों का नाम दर्ज होता है लेकिन बाकियों का नाम क्यों दर्ज नहीं किया गया यह सवाल भी खड़ा किया गया.
* तहसीलदार के दावे को तथ्यहीन बताया गया
इस मामले को लेकर तहसीलदार के इस दावे को तथ्यहीन बताया गया की संबंधीत लोगों ने नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन नहीं किया है. सिर्फ भूखंड धारकों द्वारा आवेदन नहीं करने से नाम दर्ज नहीं किया जाना गलत है क्योंकि रजिस्ट्री करते समय सभी तरह का शुल्क अदा किया जाता है. इसके लिए अलग से आवेदन करने की जरुरत नही होती है. एड धन्नावत ने यह भी बताया की आवेदकों के नाम ७/१२ पर ना आए इस दिशा में महसूल प्रशासन के अधिकारियों ने जानबूझकर देरी की है. उन्होंने भूखंड खरीदी बिक्री को लेकर अधिकारियों की भ्रष्ट नीति पर भी प्रहार किया.
* एनए नही होना जैसे बहानों को भी सिरे से नकारा
गौरतलब है कि संबंधी लोगों के ७/१२ पर नाम नहीं होने के मुद्दे को लेकर तहसीलदार ने लोकायुक्त को बताया था कि संबंधित भूखंड का एनए किया गया नहीं है इसलिए प्लॉटींग की नही जा सकती. इसपर एड धन्नावत का कहना रहा की जमीन खरीदी बिक्री मामले का एनए से कोई सरोकार नही होता है. भूखंड मालिक ने एनए का टैक्स वसूला है. रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी होती है की वो यह सब देखे. इसमें कुछ गलत है तो यह कोर्ट तय करेगा. रजिस्ट्री हो जाने के बाद ७/१२ पर नाम को लेकर एनए की मंजूरी है या नहीं यह देखा नही जाता.

* चार सप्ताह में फेरफार करने के आदेश
इस मामले में लोकायुक्त ने तहसीलदार को ४ सप्ताह के भीतर संबंधित लोगों के फेरफार करने के आदेश दिए साथ ही महाराष्ट्र शासन के महसूल और वन विभाग के प्रधान सचिव को भी जरुरी सूचनाएं दी.
* निर्णय से राज्य भर की जनता की परेशानी होगी दूर
एड धन्नावत ने कहा कि महाराष्ट्र लोकायुक्त द्वारा जालना के मामले में दिए गए इस आदेश का लाभ राज्य भर की जनता को होगा. फेरफार के लिए सरकारी अधिकारी लोगों को बिना वजह परेशान कर कार्यालय के चक्कर कटवाते है. यह गलत प्रथा अब बंद हो जाएगी.
* निर्णय का किया स्वागत

गौरतलब है कि इस मामले को लोकायुक्त के पास सही तरह से पहुंचाने का काम वकीलों द्वारा किया गया था जिसके चलते शेख मुश्ताक, शेख अमीर, विदोन दाडगे, वसंत घुगे, गणेश दलयी, राजू साबले, एकनाथ टेकाले, मुन्ना जागीड सहित अन्य ने लोकायुक्त के इस निर्णय का स्वागत कर वकीलों का अभिनंदन किया.