
स्व. बद्रीनारायण बारवाले और स्व. शांतिलाल पित्ती के कार्यों से सभी होंगे रूबरू
* रोटरी क्लब ऑफ जालना के अनोखे उपक्रम को सभी ने सराहा
जालना: जालना शहर के नाम विश्व में स्थापित करने में यहां के बीच उद्योग और स्टील उद्योग का सबसे बड़ा योगदान है. इन दोनों इंडस्ट्री को ऊंचाई तक पहुंचाने में जालना के भूमिपुत्र स्व डॉ बद्रीनारायण बारवाले और स्व शांतिलाल पित्ती का विशेष योगदान है. इन दोनों महान नायकों की जानकारी हर किसी को हो इस उद्देश्य से रोटरी क्लब द्वारा उनकी प्रतिमा स्थापित कर उसके साथ उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी भी लिखी गई.
रोटरी क्लब आॅफ जालना द्वारा शहर के बारवाले महाविद्यालय में स्व डॉ बद्रीनारायण बारवाले और एसआरजे पित्ती इंडस्ट्री के दार्शनिक भाग में स्व शांतिलाल पित्ती की प्रतिमा स्थापित की गई साथ ही उनके कार्यों को भी यहां पर दर्शाया गया. जो भी इसे देखेगा उन्हें इन दोनों नायकों के महान काम का अंदाज हो जाएगा.

इन दोनों जगहों पर इस उपक्रम का उद्घाटन सोमवार को किया गया. इस समय उषा झेर, रामकिशन मुंदडा, अरुण अग्रवाल, प्राचार्य डॉ कविता प्राशर, रवींद्र पित्ती, जितेंद्र पित्ती, यशराज पित्ती, विनीत पित्ती आदि उपस्थित थे.
इस अवसर पर बोलते हुए रोटरी क्लब जालना मिडटाउन के अध्यक्ष धवल मिश्रीकोटकर ने कहा कि आज जालना बीज की विश्व राजधानी के रूप में जाना जाता है. इसका श्रेय विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता डॉ. बद्रीनारायण बरवाले को जाता है. उन्होंने ही जालना में बीज अनुसंधान लगाया और उसके बाद जालना शहर बीजों का केंद्र बन गया. आज यह गर्व की बात है कि जालना के बीज पूरे विश्व में निर्यात किए जाते हैं. दूसरी ओर स्टील इंडस्ट्री को सबसे पहले एसआरजे पित्ती कंपनी के संस्थापक स्वर्गीय शांतिलाल ने जालना में स्थापित किया था. जालना में उत्पादित लगभग 75 प्रतिशत टीएमटी यानी स्टील का उपयोग महाराष्ट्र में घरों और पुलों के निर्माण के लिए किया जाता है. जालना में योगदान को उजागर करने वाले स्टैंड बोर्ड को आने वाली पीढ़ी को पहचान बनाने और आगे बढने के लिए प्रेरित करते रहेंगे.
इस मौके पर बद्रीनारायण बरवाले व शांतिलाल पित्ती परिवार के सदस्यों ने अपनी भावनाएं व्यक्त की. उषा झेर ने कहा कि उनके पिता बद्रीनारायन बारवाले समय के पाबंद और अनुशासित व्यक्ति थे. वह हमेशा जालना के लिए कुछ करने के लिए कोशिश करते रहे. पित्ती परिवार परिवार के यशराज पित्ती ने कहा की उनके दादा शांतिलाल त् की दूरदृष्टि काफी बड़ी थी. अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने हमेशा ही अपने पैर जमीन पर मजबूती से जमाए रखें. यही वजह रही की उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर जालना के उद्योगपति ने आगे बढ़कर स्टील इंडस्ट्री को इस शहर की आर्थिक उन्नती का जरिया बनाया.
इस कार्यक्रम में रोटरी क्लब जालना मिडटाउन के सचिव सागर दक्षिणी, कोषाध्यक्ष अनुज बंसल, मधुसूदन राठी सहित रोटरी के पदाधिकारी और सदस्य बडी संख्या में उपस्थित थे.
