
आखिरकार नारायणा ई टेक्नो स्कूल बंद करने के निर्देश जारी
* विद्यार्थियों का समायोजन अन्य स्कूलों में करने के निर्देश
जालना: जालना शहर में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की कमी नहीं है बावजूद इसके अपने आप को मल्टीनेशनल सिस्टम से जुड़ा बताकर बडे बडे शहरों में शाखाएं होने का प्रलोभन दिखाकर कईयों ने शिक्षा को व्यापार बना दिया है. कुछ ऐसा ही मामला जालना शहर में सामने आया है. शहर की नारायण ई नेक्नों स्कुल बिना किसी मान्यता की चलाई जा रही थी. अब इसे बंद कर संबंधीतों पर कार्रवाई करने के निर्देश शिक्षा विभाग ने जारी किए है.
बता दे की शहर के छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा के पास पिछले ३ वर्ष से चल रही नारायण ई टेक्नो स्कूल में कक्षा ८ वी तक विद्यार्थी पढ़ रहे है. पिछले वर्ष औरंगाबाद की स्कूल के बंद होने की खबरों के बाद जालना में भी अभिभावकों में भ्रम की स्थिति थी. लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा उस समय मामले को इतनी गंभीरता से नहीं लिया गया था. अब सारी जरूरी जांच पड़ताल के बाद इस स्कूल को बंद करने के निर्देश दिए गए है.
इस संदर्भ में जिला परिषद प्राथमिक विभाग के शिक्षाधिकारी कैलाश दातखिल ने पंचायत समिति के गटशिक्षाधिकारी को २७ फरवरी को पत्र देकर जरूरी कार्रवाई पूरी कर अहवाल देने को कहा है. जिसके चलते अब इस स्कूल को बंद करने की दिशा में शासन स्तर पर गतिविधियां तेज कर दी गई है.
पंचायत समिती गट शिक्षाधिकारी को दिए गए पत्र में कहा गया है कि, संबंधित स्कूल को शासन मान्यता नहीं है. इस संदर्भ में मिली शिकायतों के बाद जरूरी जांच पड़ताल में भी यही पाया गया है की स्कूल गैरकानूनी रूप से चलाई जा रही है. मान्यता संबंधी कोई भी दस्तावेज स्कूल के पास नहीं है. इस स्कूल में कक्षा १ ली से ८ वी तक ४२४ विद्यार्थी है. स्कूल में ३८ शिक्षक कार्यरत है.
* एक लाख रुपए दंड लगाने के निर्देश
यह भी आदेश दिया है की संबंधीत स्कूल पर आरटीई कानूनी २००९ अधिनियम की धारा 18( 5) के तहत स्कूल प्रशासन पर १ लाख रुपए का दंड लगाया जाए तथा दंड नहीं भरने पर प्रतिदिन १० हजार रुपए १० हजार रुपए की दर से राशि वसूली जाए.
* विद्यार्थियों का समायोजन अन्य स्कूलों में करने के निर्देश
इस स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियों का समायोजन अन्य स्कूलों में करने की सूचना भी गट शिक्षाधिकारी को दी गई है ताकी बच्चों का शैक्षिक भविष्य खतरे में ना पडे.
* मराठवाड़ा की अन्य दो स्कूलों पर भी होगी कार्रवाई
इस संदर्भ में प्राथमिक शिक्षाधिकारी कैलाश दातखिल ने कहा की इसी तरह की स्कूलें मराठवाड़ा के अन्य दो जिलों में भी चल रही है. उन स्कूलों पर भी कार्रवाई की संभावना है.
* अभिभावकों में खलबली
इस बीच पिछले सप्ताह से ही इस दिशा में शहर में चर्चाएं जारी थी. जिसको लेकर अभिभावकों में खलबली थी. यह स्कूल शहर के महंगे स्कूलों में गिनी जाती है. अभिभावकों के पैसे तो डूब ही जाएंगे लेकिन अब बच्चों को अन्य अच्छी स्कूलों में दाखिला दिलाने की जद्दोजहद भी शुरू हो जाएगी.
* शिक्षा को व्यापार बना दिया है संस्था चालकों ने
शिक्षा विशेषज्ञों की मानें तो नारायणा स्कूल को लेकर शिक्षा विभाग ने काफी देरी से कार्रवाई की है. शहर में और जिले में ऐसे दर्जनों स्कूल मिल जाएंगे जहां पर कक्षा पहली से ४ या फिर उसकी उपर की क्लास चलाई जा रही है. इन स्कूलों द्वारा टीसी उपलब्ध नहीं करवाई जाती है. अलबत्ता ये स्कूल शहर के अन्य स्कूलों के साथ अपना टायअप कर देते है तथा कक्षा पांचवी से बच्चों को उनके स्कूलों में प्रवेश दिला दिया जाता है. वास्तव में शिक्षा को संस्थाचालकों ने व्यापार बना दिया है.
* ८ वी पास शिक्षक भी पढा रहे है शहर की अंग्रेजी स्कूलों में
एक सच्चाई यह भी है की कई स्कूलों के संस्था चालक शिक्षकों को कम वेतन पर रखने के चक्कर में अंडर ट्रेन शिक्षकों की नियुक्ति कर रहे है. शहर में इसकी संख्या काफी अधिक है. कुछ स्कूलों में तो ऐसे लोग भी शिक्षक बन बैठे है जिन्होंने १० वी की परीक्षा भी नहीं दी है. ऐसे शिक्षक खुद को ८ वी पास बताना पसंद करते है.
* शिकायतों के बाद ही कार्रवाई करनी है तो तनख्वाह किस बात की
शहर के अंग्रेजी माध्यम के एक शिक्षक ने अपना रोष प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग से संपर्क करने पर महकमे का कहना रहता है की आप शिकायत करों हम कार्रवाई करेंगे. जबकि शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी होती है कि स्कूलों का जायजा लिया जाए, वहां पर सरकार द्वारा दर्शाए गए नियमों का पालन नहीं होने पर उन पर कार्रवाई करें. कम वेतन, खेल मैदान नहीं, अधिक शुल्क की वसूली, विज्ञान प्रयोग शाला नही, शौचालयों में गंदगी आदि मुद्दों की जांच खुद शिक्षा विभाग को करनी चाहिए. क्योंकि बच्चों के भविष्य का सवाल होने के कारण अभिभावक शिकायत नही करते है तथा नौकरी जाने का डर सताने के कारण शिक्षक भी खामोश रहते है. सरकारी महकमे को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी.
* शिकायत होगी तो कार्रवाई होगी ही
इस मामले में माध्यमिक विभाग के उपशिक्षाधिकारी विपूल भागवत से संपर्क किया तो उनका कहना रहा कि नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों को लेकर जब जब भी शिकायत आती है तब तब महकमा कार्रवाई करता है. हमें जानकारी मिलेगी तो हम कार्रवाई करेंगे ही.

फोटो: जालना शहर के छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा के पास बिना मान्यता के चल रही नारायणा स्कूल को बंद करने के निर्देश जारी किए गए है.