
मेडिकल कॉलेज के लिए मुंबई में विधायक कैलाश गोरंट्याल का आंदोलन रहा दिलचस्प
* विधान भवन की सीढ़ियों पर बैठकर किया आंदोलन
* महाविकास आघाडी मिला पूरा समर्थन
जालना: जालना के लिए मंजूर हुए मेडिकल कॉलेज के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट में आर्थिक व्यवस्था नहीं करने के चलते विधायक कैलाश गोरंट्याल ने अकम्रक रुख अपना हुए आज मुंबई में जो आंदोलन किया वो अपने आप में दिलस्प रहा. इस आंदोलन को महाविकास आघाडी के सभी नेताओं ने समर्थन दिया. विधायक गोरंट्याल ने विधान भवन की सीढ़ियों पर बैठ कर हाथ में बैनर लिए सभी आने-जाने वाले विधायक और सरकार के मंत्रियों को भी जालना श्हर की जनता की नाराजगी से अवगत करवाया.

उनके इस आंदोलन को समर्थन दर्शाने के लिए विरोधी पक्षनेता अजितदादा पवार, पूर्व मुख्यमंत्री अशोकराव चव्हाण, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विधायक नानासाहेब पटोले, राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पूर्व मंत्री विधायक जयंत पाटील, पूर्वमंत्री विधायक बालासाहेब थोरात, विधान परिषद के विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे, पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार, पूर्व मंत्री विधायक छगन भुजबल, सपा नेता विधायक अबू आजमी, विधायक कुणाल पाटील के साथ ही महाविकास आघाडी के कई विधायकों ने आंदोलन को अपना समर्थन दर्शाया.
जालना के लिए मंजूर मेडिकल कॉलेज के लिए आर्थिक व्यवस्था नहीं करने से आक्रमक हुए विधायक गोरंट्याल ने सरकार के इस नाइंसाफी भरे निर्णय के विरुद्ध विधानसभा में साफ कहा था कि वे इस निर्णय के विरुद्ध आंदोलन करेंगे. सोमवार को उन्होंने विधान भवन की सीढ़ियों पर बैठ सरकार की गलत नीतियों विशेष कर जालना जिले के साथ जानबूझकर हो रहे सौतेले व्यवहार से सभी को अवगत करवाया.
* जालना में मेडिकल कॉलेज के लिए २५ हेक्टेयर भूखंड भी हो चुका है निश्चित

गौरतलब है की वैद्यकीय शिक्षण और संशोधन संचालनालय द्वारा २१ फरवरी २०२३ को जालना में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके लिए २५ हेक्टेयर भूमि भी निश्चित हो चुकी है. लेकिन राज्य सरकार ने बीते दिनों घोषित बजट में जालना मेडिकल कॉलेज को छोड अन्य सभी १० जिलों में मंजूर मेडिकल कॉलेज के लिए धन उपलब्ध करवा दिया है.
सरकार की इसी नाइंसाफी के विरुद्ध आज गोरंट्याल द्वारा आंदोलन किया गया. उनका साथ विधानपरिषद सदस्य राजेश राठोड ने भी दिया.
* मेडिकल कॉलेज के लिए संघर्ष जारी रहेगा – गोरंट्याल

विधायक गोरंट्याल ने कहा की जालना में मेडिकल कॉलेज के लिए वे राज्य सरकार से लगातार संपर्क में थे. तत्कालीन वैद्यकीय शिक्षा मंत्री ने इसकों सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए विशेषज्ञों की टीम जालना भेजी थी. सारी दस्तावेजी कार्रवाई पूरी हो चुकी थी तथा शिंदे – फडणवीस सरकार को इसके निर्माण के लिए बजट उपलब्ध करवाना मात्र था. लेकिन इस सरकार ने उन जिले में मेडिकल कॉलेजों को निधी दे दी है जहां पर पहले से ही निजी मेडिकल कॉलेज की भरमार है. वास्तव में जालना शहर में मेडिकल कॉलेज की दरकार थी लेकिन इस सरकार ने जानबूझकर जालना की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया है. उन्होंने कहा की मेडिकल कॉलेज के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा. जालना के मेडिकल कॉलेज का लाभ जालना के साथ ही विदर्भ के देउलगांव राजा, सिंदखेड राजा को भी होने की जानकारी इस समय उन्होंने दी.

* इस आंदोलन के दौरान संवाददाता द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देने के पहले विधायक कैलाश गोरंट्याल ने शिंदे-फडणवीस सरकार के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार को अपरिपक्व और बचपने से भरा मंत्री करार देते हुए किसानों को लेकर उनके द्वारा किए गए विधान का निषेध किया. इसी के साथ गुलाबराव पाटील द्वारा उनको लेकर की गई टिप्पणी की भी खिल्ली उड़ायी तथा सरकार को उनके बचपनें से भरे मंत्रियों और विधायकों पर लगाम लगाने की मांग करते हुए यह शेर पढ़ा
बर्बाद गुलिस्ताँ करने को,
बस एक ही उल्लू काफी था,
हर शाख पे उल्लू बैठा है,
अंजामे गुलिस्तां क्या होगा.
