
बाल विवाह का पता चलने पर तुरंत मामला दर्ज किया जाए- जिलाधिकारी डॉ विजय राठौड़
* हर सोमवार को स्कूलों में दिखाई जाएंगी फिल्म
जालना: बाल विवाह की प्रथा को खत्म करने के लिए माता-पिता और लड़कियों में बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना आवश्यक है. बाल विवाह की जानकारी प्राप्त करने के लिए गांव-गांव में बाल मित्रों की नियुक्ति की जाए. जालना जिले में बाल विवाह उन्मूलन कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाने के लिए यदि जिले में बाल विवाह होते हुए पाया जाता है तो तत्काल मामला दर्ज किया जाए यह आदेश जिलाधिकारी डॉ. विजय राठौड़ ने जारी दिए.
शुक्रवार 10 मार्च को बाल विवाह उन्मूलन कार्य योजना समिति की बैठक में जिलाधिकारी बोल रहे थे. इस अवसर पर जालना जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्षा मीणा, महिला एवं बाल विकास अधिकारी रेशमा चिमंद्रे सहित संबंधित यंत्रणा के अधिकारी उपस्थित थे.
डॉ. विजय राठौड़ ने कहा कि बाल विवाह को खत्म करने के लिए गांव के सभी स्कूल और स्कूल नहीं जाने वाली लड़कियों की जानकारी एकत्र करना और समय-समय पर इसकी समीक्षा करना जरूरी है. विद्यालय से लगातार अनुपस्थित रहने वाली बालिकाओं के बारे में समय-समय पर जानकारी हासिल करना भी जरूरी है.
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए की ग्रामीण स्तर पर कार्यरत आंगनबाड़ी सेवकों या ग्राम सेवकों के माध्यम से प्रशासनिक स्तर पर जिन बाल विवाह को रोका गया था. उन मामलों में १८ साल पूरे होने के बाद लड़कियों का विवाह हुआ या नहीं इसकी जानकारी भी हासिल की जाए. साथ ही ग्राम सुरक्षा समिति को सक्रिय किया जाए और ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाए. यह कहकर बाल विवाह होने पर टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचना देने के लिए सभी को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी काम करने की अपील जिलाधिकारी ने की.
इस बैठक में यह निर्णय लिया गया की बाल विवाह उन्मूलन के लिए हर सोमवार को स्कूलों में फिल्म दिखाई जाएगी. बैठक में एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई.
बैठक में जिला परिषद, शिक्षा विभाग, महिला व बालविकास विभाग, चाईल्ड लाईन, युनिसेफ समन्वयक सोनिया हंगे और बालकृष्ण सालुंके के साथ ही संबंधित यंत्रणा के अधिकारी बडी संख्या में उपस्थित थे.
