
व्यवसाय कर खत्म करने के वादे से फिर मुकर गई सरकार – विनीत साहनी
* व्यापारियों को शुरू करना होगा राज्यव्यापी आंदोलन
जालना व्यापारियों को केंद्र व राज्य सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि जीएसटी लागू होने के बाद व्यापार कर समाप्त कर दिया जाएगा. लेकिन पिछले 7-8 सालों से इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यहां तक कि आज घोषित राज्य के बजट में भी व्यापार कर को समाप्त करने के बारे में एक शब्द भी नहीं है. अब इसके लिए व्यापारियों को राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करना होगा.
यह प्रतिपादन जालना जिला व्यापारी महासंघ के जिलाध्यक्ष विनीत साहनी ने किया. राज्य के बजट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि, व्यापारियों को एक बार फिर उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया है और प्रदेश अध्यक्ष ललित गांधी के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन शुरू होगा.
विनीत साहनी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा आज पेश किया गया बजट किसानों, महिलाओं और शिक्षा क्षेत्रों को सामने रखकर पेश किया गया है. इसमें जिन व्यापारियों से टैक्स वसूल कर सरकारी खजाना भरा जाता है उन व्यापारियों के हित में कुछ भी नहीं है. हालांकि, व्यापारियों को एक बार फिर मझधार में छोड़ दिया गया है.
कारोबारियों को व्यापार कर का दोहरा बोझ उठाना पड़ रहा है। एक को बिजनेस टैक्स देना पड़ रहा है. जिन कर्मचारियों का वेतन 15 से 16 हजार से अधिक है, उनके वेतन पर भी व्यापारी को टैक्स देना पड़ता है. व्यापार टैक्स से सरकार को 700 से 800 करोड़ रुपये मिलते हैं. लेकिन इसे छोटे पंजीकृत व्यापार दम तोड रहे है. व्यापारी को कर अदा करना पडता है ऐसे में यदि कोई प्राकृतिक आपदा आ जाए तो पूरी अर्थव्यवस्था बिगड़ जाती है. जिस तरह अन्य संस्थाओं को मुआवजा देने का प्रावधान है उसी तरह सरकार के पास व्यापारियों को प्राकृतिक आपदा से होने वाली नुकसान के लिए मुआवजे की व्यवस्था होना जरूरी है.

विनीत साहनी ने कहा कि व्यापारियों का सब्र अब टूट चुका है व्यापार कर को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ललित गांधी के नेतृत्व में संघर्ष करने के अलावा कोई चारा नहीं है.