
ये हैं धरती पर सबसे लंबी उम्र वाले 5 जीव, एक तो ‘अमर’ भी है, क्या आपको इनके बारे में पता है?
Longest Living Creature: पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत से ही कई तरह के जीवों का राज हमारे ग्रह पर होता रहा है। कई जीव आज के समय में विलुप्त हो चुके हैं। फिर भी हमारी ही पृथ्वी पर कई जीव ऐसे हैं जो एक लंबी उम्र जी रहे होते हैं। आइए जानते हैं इन जीवों के बारे में।

कछुए से भी लंबी उम्र जीते हैं कई जीवमाना जाता है कि कछुए इस दुनिया में सबसे लंबे समय तक जिंदा रहने वाले जीव हैं। ये सैंकड़ों साल तक जीवित रहते हैं। हालांकि प्रकृति ने इन्हें इतना लंबा जीवन दिया है ताकि यह ज्यादा से ज्यादा अंडे दे सकें। क्योंकि इनके ज्यादातर अंडों को सांप और दूसरे जानवर खा जाते हैं। लेकिन क्या और भी ऐसे जीव हैं जो कछुओं से भी ज्यादा समय तक जीवित रहें। आइए जानते हैं ऐसे पांच जीवों के बारे में जो सैकड़ों वर्षों तक जीवित रहते हैं।

बोहेड व्हेल धरती पर सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले स्तनपायी की बात करें तो वह आर्कटिक व्हेल है। कई व्हेल ऐसी हैं, जिनकी उम्र 200 साल से भी ज्यादा है। जबकि अब तक सबसे लंबी उम्र की व्हेल 211 साल की थी। इस व्हेल की लंबी उम्र के पीछे शरीर में मौजूद एक जीन है, जो लगातार क्षतिग्रस्त होने वाले DNA की मरम्मत करता रहता है।

विशाल गैलापागोस कछुआ गैलापागोस कछुओं को पृथ्वी पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले जीवों में से एक माना जाता है। माना जाता है कि ये औसतन 200-250 साल तक जिंदा रहते हैं। 2006 में अद्वैत नाम के एक नर कछुए की 225 साल की उम्र में कोलकाता के अलीपुर जूलॉजिकल गार्डन में मृत्यु हो गई थी।

कोई मछली कोई कार्प एक छोटी पालतू मछली है, जिसे सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कोई कार्प प्रजाति की सबसे पुरानी मछली जापान में 1977 में 226 साल की उम्र में मर गई। औसतन ये 40-50 साल जीवित रहती हैं। ये मछलियां चीन में पाई जाती हैं, लेकिन इनकी लोकप्रियता जापान में ज्यादा है।

अंटार्कटिक स्पंज अंटार्कटिक स्पंज के पास लंबी उम्र का रिकॉर्ड है। ये जीव आर्कटिक के ठंडे पानी में रहते हैं। हर साल स्पंज 0.2 मिमी बढ़ता है। स्पंज 200 मीटर की गहराई में रहते हैं, जहां सूर्य का प्रकाश भी नहीं पहुंच पाता है। अंटार्कटिक स्पंज 5,000 से 15,000 साल तक जीवित रह सकता ह।

तुर्रिटोप्सिस डोहर्नी जेलीफ़िश तुर्रिटोप्सिस डोहर्नी (Turritopsis dohrnii) एक जेलीफिश होती है। इसका कोई मस्तिष्क और हृदय नहीं होता है और इसे पृथ्वी का एकमात्र अमर प्राणी माना जाता है। यह उष्णकटिबंधीय जल में रहता है। यह जेलीफिश जब अपनी वृद्धावस्था में पहुंचता है तो मरता नहीं हैं, बल्कि फिर से युवा होने लगता है। ऐसा ये कितनी बार कर सकती हैं इसकी कोई लिमिट नहीं है। इस तरह यह अनंतकाल तक जीवित रह सकता है। ये जेलीफिश या तो शिकारियों या फिर किसी बीमारी के कारण मरते हैं।