
हार्ट अटैक, बुखार और खांसी, क्यों बढ़ रही हैं अचानक इतनी बीमारियां? कहीं आप भी खतरे में तो नहीं
आजकल युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके पीछे बड़ी वजह गलत खानपान, जीवनशैली और तनाव है. इसके अलावा देश में सर्दी-खांसी, बुखार जैसी कई बीमारियां भी बढ़ रही हैं. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर इन बीमारियों के अचानक इतनी तेजी से बढ़ने के पीछे की वजह क्या है और इनसे कैसे बचा जा सकता है.
पिछले कुछ समय में देश में हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के काफी ज्यादा मामले सामने आए हैं. इनमें कई में लोगों की हार्ट अटैक आने के चंद पलों के अंदर ही मौत हो गई. डराने वाली बात ये है कि हार्ट अटैक से अचानक जान गंवाने वाले लोगों में ज्यादातर युवा थे. किसी को चलते-फिरते, किसी को नाचते-नाचते और किसी को खेलते-खेलते दिल का दौरा पड़ रहा है.
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में पिछले 10 दिन में हार्ट अटैक के पांच मामले सामने आए. वहां एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. छात्र बीटेक के फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा था. इस घटना से ठीक पहले हैदराबाद के सिकंदराबाद में बैडमिंटन खेलते-खेलते एक शख्स की अचानक हार्ट अटैक से जान चली गई.
युवाओं के बीच बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले
तेलंगाना के नांदेड़ में डांस करते-करते अचानक एक लड़के को हार्ट अटैक आया और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया. लड़के की उम्र महज 19 साल थी. 22 फरवरी को हैदराबाद के एक जिम में वर्कआउट के दौरान एक पुलिस कॉन्स्टेबल की हार्ट अटैक से मौत हुई. वहीं, इससे पहले गुजरात के अहमदाबाद में एक क्रिकेट मैच के दौरान GST कर्मचारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. बॉलिंग करते वक्त GST कर्मचारी की तबियत बिगड़ी और वो जमीन पर गिर गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात में एक महीने में सात लोगों की हार्ट अटैक से जान गई है.

इन सभी मामलों में हार्ट अटैक से जान गंवाने वाले लोग 40 साल से कम उम्र के थे. आखिर क्यों कम उम्र के लोगों के बीच हार्ट अटैक के केस बढ़ रहे हैं. कई लोग गलत खानपान, गलत लाइफस्टाइल, बीमारियां और कोरोनावायरस को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं तो कई लोग इसके पीछे मौसम में बदलाव को भी जिम्मेदार मानते हैं.
क्यों युवाओं को चपेट में ले रहीं दिल की बीमारियां
इस सवाल का जवाब देते हुए जयपुर के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. गोविंद शरण शर्मा कहते हैं, ”हार्ट अटैक के मामले पहले 60 साल की उम्र के आसपास लोगों के बीच ही सामने आते थे लेकिन अब 20 से लेकर 30 साल के युवा भी इसकी चपटे में आ रहे हैं. इसके पीछे खराब लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, एल्कोहल, स्मोकिंग जैसे फैक्टर्स जिम्मेदार हैं. मौसम के फैक्टर की बात की जाए तो मैं बता दूं कि बदलते मौसम का भी लोगों के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है.”