
विद्यार्थियों को खेलों में महारत हासिल करना भी जरूरी – डॉ पाटील
* जिला स्तरीय तायक्वांदो स्पर्धा संपन्न
जालना: निरोगी और तनावपूर्ण जीवन जीने के लिए जरुरी है की विद्यार्थी तायक्वांदो जैसे खेलों में महारत हासिल करें. खुशहाल जीवन जीने के लिए तंदुरुस्त शरीर का होना बेहद जरूरी है. यह प्रतिपादन जिला महिला व बाल अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजेंद्र पाटील ने किया.
बुधवार को जय बजरंग फाउंडेशन, जिला तायक्वांदो एसोसिएशन और मराठा महासंघ क्रीडा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित जिला स्तरीय तायक्वांदो स्पर्धा का उद्घाटन जिला क्रीड़ा संकुल में डॉ पाटिल के हाथों किया गया. इस समय उन्होंने मार्गदर्शन किया. इस स्पर्धा के लिए जिले भर के १०० खिलाडियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर यातायात शाखा के पुलिस निरीक्षक गुणाजी शिंदे ने की. इस समय जिला क्रीड़ा अधिकारी अरविंद विद्याधर डॉ. क्रांतिसिंह लाखे पाटील, कदीम जालना थाने के पुलिस निरीक्षक सैयद मजहर, जय बजरंग फाउंडेशन के उपाध्यक्ष विनोद राऊत, एड कल्पना त्रिभुवन, धनसिंग सूर्यवंशी, अशोक पडूल, वैशाली सरदार, एड शैलेश देशमुख, दीपक देशपांडे, सुभाष चव्हाण, राष्ट्रीय पंच सचिन आर्य, जिला तायक्वांदो एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद देशमुख आदि उपस्थित थे.
इस समय डॉ लाखे पाटील ने भी विद्यार्थियों और आयोजकों की हौसला अफजाई की. प्रस्तावना करते हुए अरविंद देशमुख ने कहा कि, युवा पिढी सोशल मीडिया की लत से परेशान है. ऐसे में उन्हें मैदानों की ओर आकर्षित करने के लिए स्पर्धाओं का आयोजन किया जाना जरूरी है. मैदानी स्पर्धाओं के जरिए खिलाड़ियों को अपने हुनर को निखारने का मौका मिलता है.
जय बजरंग फाउंडेशनचे अध्यक्ष विपुल राय के सहयोग से विजेता खिलाड़ियों को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र और मेडल प्रदान किए गए.

स्पर्धा के लिए पंच की भूमिका मयूर पिवल, सचिन गादेवाड, दिव्या गायकवाड, वैष्णवी पलसकर, पवण झोल, सुजन हतागले, प्रांजल पिवल ने निभाई.
* खिलाड़ियों को सरकारी सेवा में शामिल होना का मौका मिलता- पुलिस निरीक्षक शिंदे
इस समय पुलिस निरीक्षक शिंदे ने कहा की पढाई और खेल दोनों ही विद्यार्थियों के लिए जरूरी है. बेहतरीन करियर के लिए पढ़ाई जरूरी है लेकिन यदि इसके साथ किसी भी खेल में महारत हासिल करने में खिलाडी सफल रहते है तो सरकारी सेवा विशेष कर पुलिस महकमे में जुड़ने में काफी मदद मिलती है. इसलिए खेल को करियर के तौर पर देखना भी जरूरी है.