
महिला सुरक्षा को लेकर जालना में प्रशासन पूरी तरह उदासीन
* राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा रुपाली चाकणकर ने जताई नाराजगी
*विदेशों में राज्य की कई महिलाएं हो रही है प्रताड़ित
जालना: महिला सुरक्षा को लेकर जालना जिला राज्य के अन्य जिलों के मुकाबले काफी पिछड़ता जा रहा है. प्रशासन द्वारा कई मामलों में लापरवाही बरती जा रही है. कई मुद्दों को लेकर प्रशासन को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए है ताकि जिले में महिला सुरक्षित होने का अहसास कर सके. यह जानकारी राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा रुपाली चाकणकर ने जालना जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी.
जालना जिले में बाल विवाह का प्रमाण काफी बढ़ गया है. इसलिए जिन गांवों में बाल विवाह संपन्न हो रहे है उन गांवों के ग्राम सेवकों को भी निशाने पर लिया जाए तथा सरपंच और पुलिस पाटीलों के पद रद्द करने के साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी कटघरे में खड़ा किया जाए. इस संदर्भ में प्रस्ताव शासन को भिजवाया गया है.

* प्रशासनिक यंत्रणा के कामकाज को लेकर जताई नाराजगी
गौरतलब है की राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा की उपस्थिति में जालना जिलाधिकारी कार्यालय में जनसुनवाई का आयोजन था.इस समय चाकणकर का कहना रहा कि प्रशासन द्वारा केवल जालना जिलाधिकारी कार्यालय में ही हिरकणी कक्ष की स्थापना की गई है जबकि किसी भी अन्य सरकारी कार्यालय में आयसीसी या विशाखा समिती स्थापित ही नही की गई है. जिससे यह साफ है की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासन कितना लापरवाह बना हुआ है.
इस समय रुपाली चाकणकर ने खेद प्रकट करते हुए कहा की जालना जिले में 13 हजार 700 महिला व 17 हजार 509 पुरुष गन्ना कटाई मजदूर हैं, लेकिन इनके बच्चों की शिक्षा व्यवस्था में बाधा न हो इसलिए जिले में ऐसे बालक-बालिकाओं की शिक्षा के लिए छात्रावास नहीं है. उन्होंने कहा की इस बारे में गंभीर कदम उठाकर रिपोर्ट करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए है.

* अन्य जिलों की तुलना में जालना में महिला सुरक्षा को प्राथमिकता नही
आयोग की अध्यक्षा ने नाराजी भरे सूर में यह भी कहा कि राज्य के अन्य जिलों की तुलना में जालना जिले में महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. चालू वर्ष के दौरान 70 बाल विवाह रोके तो गए है लेकिन सच्चाई यही है की यहां बाल विवाह के प्रमाण काफी बढ़ गए है. बलात्कार की 99 घटनाएं हो चुकी है. 431 महिलाएं लापता हैं. यह भी कहा कि इनमें से 380 महिलाओं को पुलिस ने ढूंढ निकाला है.
* साढ़े तीन हजार महिलाएं ओमान, दुबई सहित विदेश में फंसी हुई है
राज्य की करीब 3,500 महिलाओं को एजेंटों ने विदेशों में काम देने का लालच दिखाकर ओमान और दुबई सहित अन्य देश पहुंचाया तो था लेकिन वहां पर इन महिलाओं पर अत्याचार होने की बात सामने आयी है. संगीता पाटील नामक महिला ने किसी तरह छुटकारा पाकर देश वापस आने में सफलता हासिल की है. उनकी शिकायत पर मामला भी दर्ज किया गया है. दो एजेंट को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है. अन्य महिलाओं को भी इस दलदल से छुटकारा दिलाकर देश वापस लाने की दिशा में आयोग द्वारा प्रयास किए जा रहे है.
