
जालना-नांदेड समृद्धी महामार्ग के लिए तीन तहसीलों में जमीन का मूल्यांकन प्रारंभ ..!
* रेडी रेकनर से अधिक या फिर खरीदी बिक्री व्यवहार से दिया जाएगा मुआवजा
जालना: सरकार के महत्वकांत्री प्रकल्प समृद्धी महामार्ग के पहले चरण को शुरू करने के बाद इस मार्ग को राज्य के नांदेड़ से जोड़ने के वास्ते बनाए जा रहे जालना-नांदेड समृद्धी महामार्ग के लिए जमीन मूल्यांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो जिले की तीनों तहसीलों से गुजरने वाले इस महामारी के लिए या तो रेडी रेकनर दर से अधिक दाम दिया जाएगा या फिर सीधे तौर पर इसकी खरीदी-बिक्री की जाएगी. इस मार्ग के बन जाने से हिंगोली, परभणी और नांदेड़ भी समृद्धी से जुड़ जाएंगे.
एक पखवाड़े पहले संबंधित विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस मार्ग के कार्य में तेजी लाने के निर्देश जारी किए गए थे. जालना जिले में इस मार्ग का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है. अब जमीन का मूल्यांकन करने के उपरांत दर घोषित होगा जिसके बाद प्रत्यक्ष रूप से जमीन की भूसंपादन प्रक्रिया पूरी होगी.
गौरतलब है कि मार्च २०२३ तक भूसंपादन की प्रक्रिया को पूरा करने की समय सीमा दी गई है. लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि इस मार्ग के कारण जो किसान बाधित हो रहे है उन्हें किस नियम से मुआवजा दिया जाए. सूत्रों की माने तो इसी मुद्दे के लेकर बैठकों का दौर चल रहा है. जिस पर शीघ्र निर्णय होगा. एक बात तो तय है की रेडीरेकनर दर से अधिक मुआवजा होगा या फिर सीधे तौर पर सरकार किसानों से जमीन खरीद लेगी.
* जिले में ६६ किमी लंबा होगा मार्ग

जालना- नांदेड महामार्ग की लंबाई १८० किलोमीटर होगी तथा पूरा मार्ग सीमेंट कंक्रीट का होगा. जालना जिले में इस मार्ग की लंबाई ६६ किमी होगी. यह मार्ग जिले के जालना, मंठा और परतुर तहसील से गुजरेगा. जिससे तीनों तहसीलों के ६८६ गटक्रमांक बाधित होंगे. इसके लिए जिले की 654.3507 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. नदी, नालों एवं सड़कों को छोड़कर 18.7491 हेक्टेयर सरकारी भूमि का हस्तांतरण भी होगा. जालना तहसील में इस मार्ग की लंबाई 36 किमी, परतुर में 09.32 किमी, जबकि मंठा तहसील में इस मार्ग की लंबाई 21.14 किमी होगी.
इस संदर्भ में भूसंपादन विभाग के उपजिलाधिकारी गणेश निºहाली ने बताया कि, जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे के लिए प्रशासनिक तंत्र प्रगति पर है. फिलहाल जमीन के मूल्यांकन का काम चल रहा है इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. भूमि के लिए रेडी रेकनर से अधिक दर निर्धारित कर अथवा क्रय-विक्रय के लेन-देन के अनुसार मुआवजा दिया जायेगा. मूल्यांकन के बाद ही कार्रवाई शुरू की जाएगी.