
बालासाहेब थोरात का इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण; अशोक चव्हाण ने बताई अगली रणनीति
जालना: कुछ दिनों से महाराष्ट्र कांग्रेस में दरार या फूट की चर्चा चल रही थी. इस बीच राज्य की राजनीति में आज एक बड़ा घटनाक्रम हुआ है. राज्य का प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद बालासाहेब थोरात ने आज विधीमंडल पक्षनेता के पद से भी अचानक इस्तीफा दे दिया.

जालना में विधायक कैलाश गोरंट्याल के पूक्ष अक्षय गोरंट्याल के विवाह समारोह में भाग लेने पहुंचे अशोक चव्हाण ने संवाददाताओं को बताया कि बालासाहेब थोरात के इस्तीफे की बात उन्हे अभी पता चली है तथा उनका यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण है. बालासाहेब पार्टी के वरिष्ठ और उदारवादी नेता हैं. आज थोरात का जन्मदिन है और मैंने उन्हें विशेष रूप से सुबह-सुबह बधाई दी है. अशोक चव्हाण ने यह भी कहा कि मैं थोरात को मनाने की पहल करूंगा, कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए जो भी करना पड़ेगा, करूंगा. साथ ही उन्होंने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि थोरात पार्टी नहीं छोड़ेंगे.
विधान परिषद चुनाव से सत्यजीत तांबे की उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस में गहमागहमी शुरू हो गई थी. अब कहा जा रहा है कि इसी असमंजस की वजह से कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से चल रही अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है. इसी के चलते इस्तीफा दिए जाने की चर्चा भी चल पडी है. इस मामले में कांग्रेस आलाकमान क्या फैसला लेता है, इस पर सबकी नजर है.
