हाफ मरडर के आरोपी फरदीन खान को गिरफ्तार कर फिर पहंचा दिया जेल

* डिफॉल्ट बेल को जिला व सत्र न्यायालय ने किया रद्द

* पुलिस उपनिरीक्षक चाटे ने दायर की थी रीट

जालना: जालना शहर के तांगा स्टैंड परिसर में चाकू से जानलेवा हमला करने वाले आरोपी फरदीन खान फिरोज खान को अदालत ने २९ दिसंबर को यह कहते हुए डिफाल्ट बेल पर रिहा किया था की पुलिस ने ६० दिन के भीतर चार्ज शीट फाईल नही की थी. इस मामले में सदर बजार थाने के उपनिरीक्षक चाटे ने सत्र न्यायालय में रीट पेटीशन दायर कर कोर्ट को मामले से जुडे तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया जिसके बाद डिफॉल्ट बेल रद्द कर फरदीन खान को जिला कारागृह में दोबारा भेज दिया गया.

फोटो: हाफ मर्डर मामले में डिफॉल्ट बेल पर छुटे फरदीन खान को एक बार फिर जेल भेज दिया गया. 

जालना शहर के तांगा स्टैंड परिसर में ९ अगस्त की शाम ६ बजे फरदीन खान ने गुफरान शेख पर चाकू से हमला कर उसे जान से मारने की कोशिश की थी. इस मामले में बेकरी चालक शेख अहमद शेख मूनीर की फरियाद पर फरदीन खान पर हाफ मर्डर सहित विविध धारोओं के तहत मामला दर्ज कर सदर बाजार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.

* ६० दिन में जार्चशीट दायर नही करने के कारण मिली थी डिफॉल्ट बेल
फरदीन की ओर से जमानत हासिल करने के लिए कोशिशे जारी थी. उसके वकील की जिरह बहस के बाद मुख्यन्यायदंडाधिकारी ने यह कहते हुए फरदीन को डिफॉल्ट बेल पर छोड दिया था की मामले में पुलिस द्वारा ६० दिन में चार्ज शीट दायर करना जरुरी था लेकिन पुलिस ने ऐसा नही किया. इतना ही नही अदालत ने जांच अधिकारी पुलिस उपनिरीक्षक सुग्रीव चाटे को भी कारण बताओं नोटीस जारी किया था.

* ऐसे मामले में होती है ९० दिन की वैधानिक कलावधी
उपनिरीक्षक चाटे ने फरदीन खान को मिली डिफॉल्ट बेल को लेकर जिला व सत्र न्यायालय में रीट दायर कर बताया की इस तरह के मामलों में ९० दिन में जांच पूरी करने की वैधानिक कलावधी होती है. इस मामले में दोनों तरफ की दलीले सुनने के बाद सत्र न्यायालय ने २७ जनवरी को फरदीन को मिली डिर्फाल्ट बेल को रद्द करार दिया था तथा पुलिस को आदेश दिया था की उसे न्यायालयीन हिरासत में भेज दिया जाए.

* फरदीन को पहुंचाया गया जिला जेल
सदर बाजार पुलिस ने ३१ जनवरी को फरदीन को अपनी हिरासत में लिया तथा उसकी जरुरी जांच पडताल कर उसे जालना जिला जेल रवाना कर दिया गया.

* फरदीन खान परिसर की शांती को भंग कर रहा था
 इस मामले में उपनिरीक्षक चाटे ने कहा की फरदीन खान पर एक नही बल्की इसी तरह के अन्य मामले भी दर्ज है तथा वो परिसर की शांती को भंग करने में किसी भी तरह की कसर बाकी नही रख रहा था. उसकी वजह से लोगों में दहशत का माहोल था. ऐसे में उसे डिफॉल्ट बेल मिलना क्षेत्र की शांती के लिए घातक साबित हो सकता था. हमने अदालत को मामले से जुडे कई तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया था. जिसके बाद उसे दोबारा जेल भेज दिया गया. पुलिस उपनिरीक्षक चाटे ने कहा की पुलिस अपना काम इमानदारी से कर रही है. गुनाहगारों को सजा दिलाकर लोगों को न्याय दिलाना पुलिस का काम है.

फोटो:उपनिरीक्षक चाटे

इस मामले में उपनिरीक्षक चाटे की ओर से सरकारी वकील कवनूरकर, एड अनिरुध्द घुले, एड रमेश गाडे, एड सलमान खॉन, पुलिस नाईक जावेद शेख आदि ने सहकार किया. इस उपलब्धी के चलते उपनिरीक्षक चाटे का अभिनंदन पुलिस अधीक्षक डॉ अक्षय शिंदे और सदर बाजार पुलिस निरीक्षक अंबुलकर ने किया.