
प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग रोका नहीं गया तो आगामी पीढ़ी का भविष्य खतरे में – डॉ साबू * प्लास्टिक रिसाइक्लिंग में दुनिया का ब्रांड बन सकता है जालना- सुनिल रायठठ्ठा
* रोटरी रेनबो द्वारा प्लास्टिक पुनर्चक्रण आज की आवश्यकता विषय पर संगोष्ठी
जालना: दुनिया में हर साल 380 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है. समुद्र समेत जल स्रोतों में परत दर परत प्लास्टिक जमा होता जा रहा है. प्लास्टिक हजारों सालों तक सड़ता नहीं है. प्लास्टिक के कारण जल और वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. आज हम ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को देख रहे हैं. ऐसे में आज का 40 से 47 डिग्री तापमान भविष्य में और बढ़ेगा. जिसे अगली पीढ़ी के सामने कई परेशानियां खड़ी होगी. प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग को रोकने की अपील रोटरी के नियोजित प्रांतपाल डॉ सुरेश साबू ने की.
रोटरी रेनबो ने गुरुवार को सृष्टि फाउंडेशन, ग्रीन आर्मी द्वारा शुरू किए गए महत्वाकांक्षी प्लास्टिक संग्रह, छंटाई और पुनर्चक्रण परियोजना के एक साल पूरा होने पर गुरुवार २६ जनवरी को मंठा चौफुली स्थित कलश सीड्स सभागृह में परिसंवाद का आयोजन किया था. इस समय डॉ सुरेश साबू ने अपनी बात रखी.
कार्यक्रम में उद्योजक सुनील रायठठ्ठा, जिप मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्षा मीना, कन्फर्मेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के मराठवाड़ा झोन चेअरमन प्रसाद कोकील, औरंगाबाद स्थित विनीत फाउंडेशन के निखिल खंडेलवाल के साथ ही रोटरी रेनबो के अध्यक्ष डॉ प्रशांत पलणीटकर, सचिव डॉ प्रतिभा श्रीपत उपस्थित थे.

प्लास्टिक रिसाइक्लिंग में दुनिया का ब्रांड बन सकता है जालना- सुनिल रायठठ्ठा
उद्योजक सुनिल रायठठ्ठा ने कहा की बढ़ती आबादी को देखते हुए संसाधन कम या खत्म होने लगेंगे. ऐसे में अगली पीढ़ी के लिए 90 प्रतिशत पुनर्चक्रण ही एकमात्र विकल्प बचेगा. आज, शहर का 90 प्रतिशत आर्थिक कारोबार एमआयडीसी में स्टील कंपनियों से आता है. ये कंपनियां कबाड़ से स्टील बनाती हैं. यहां का स्टील वर्ल्ड क्लास है. सुनिल रायठठ्ठा ने डॉ प्रतिभा श्रीपत द्वारा प्रायोगिक आधार पर लागू की जा रही इस पहल को अग्रणी मानते हुए जालना प्लास्टिक स्टील की तरह रिसाइक्लिंग में ब्रांड बनाने और यहां के पॉलीमर का निर्यात अमेरिका, जर्मनी, जापान को निर्यात किए जाने का विश्वास व्यक्त किया. यह भी कहा कि इसके लिए सभी को आर्थिक और तकनीकी मदद उपलब्ध करवाने में पूरा सहयोग देना होगा.
* प्लास्टिक बला नही बल साबित हो सकता है – प्रसाद कोकिल
प्रसाद कोकील ने कहा कि सच देखें तो प्लास्टिक बला नहीं बल है. हम वो हैं जो प्लास्टिक का दुरुपयोग करते हैं. बचा हुआ खाना कैरी बैग में डाल दिया जाता है और जानवर उसे कैरी बैग के साथ खा लेते हैं. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का उपयोग, योजना और पुनर्चक्रण कैसे करना है, यह बताने की वास्तविक आवश्यकता है.
* जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्षा मीणा ने बताया कि शासन स्तर पर भी प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग को लेकर कार्य चल रहा है.
निखिल खंडेलवाल ने कहा कि हमारे पास साठ से सत्तर स्वयंसेवक औरंगाबाद शहर के पर्यटन स्थलों पर पहुंचकर हर रविवार को प्लास्टिक जमा करते हैं. इस गतिविधि से आध्यात्मिक संतुष्टि मिलती है. उन्होंने कहा कि इस तरह की पर्यावरण पूरक गतिविधियों को लागू करने के लिए हर किसी को पहल करने की आवश्यकता है.
कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ प्रतिभा श्रीपत ने की तथा इस उपक्रम को प्रशासनिक स्तर पर बड़े पैमाने पर चलाने के लिए प्रशासन के सहयोग की अपेक्षा जताई.

प्रारंभ में संस्कार प्रबोधिनी विद्यालय की नारायणी जागीरदार ने देशभक्ति गीत वंदे मातरम पर भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी. तत्पश्चात छात्रों ने इस विद्यालय के शिक्षक रामदास कुलकर्णी द्वारा निर्देशित लघु नाटक मुक्तांगन प्रस्तुत किया और इसके माध्यम से प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों को समझाया. प्लास्टिक कलेक्शन घंटा गाड़ियों पर बजाए जाने वाले गीत के लेखक व गायक विनोद जैतमहल, घंटा गाड़ियों के चालकों व कर्मचारियों सहित रोटरी रेनबो के अध्यक्ष डॉ प्रशांत पलनीटकर को सम्मानित किया गया. सूत्रसंचालन डॉ प्रतिभा श्रीपत ने किया.
फोटो: रोटरी रेनबो ने गुरुवार को सृष्टि फाउंडेशन, ग्रीन आर्मी द्वारा शुरू किए गए महत्वाकांक्षी प्लास्टिक संग्रह, छंटाई और पुनर्चक्रण परियोजना के एक साल पूरा होने पर गुरुवार २६ जनवरी को मंठा चौफुली स्थित कलश सीड्स सभागृह में परिसंवाद का आयोजन किया था.