
धर्म के नाम पर लड़ने के बजाए उसे समझना जरुरी – मुहम्मद अजहरुद्दीन
* जमाते इस्लामी हिंद का जिल्हास्तरीय इज्तेमा उत्साह के साथ संपन्न
* महिलाओं के लिए भी अलग से हुआ आयोजन

जालना: आज दुनिया भर में लोग धर्म के नाम पर लड रहे है लेकिन सच्चाई यह है की धर्म इंसान को इंसान के करीब लाने का सबसे बड़ा जरिया है. अल्लाह तआला ने एक इंसान की जान बचाने को पूरी इंसानियत की जान बचाना करार दिया है. इस्लाम के इस नजरिए को दुनिया के सामने लाने के लिए तथा शांति को स्थापित करने के लिए मुसलमानों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना होगा. यह प्रतिपादन जमाते इस्लाम हिंद महाराष्टÑ के सलाहकार मोहम्मद अजहरुद्दीन ने किया.
जालना शहर में जमाते इस्लामी हिंद का जिला स्तरीय सम्मेलन रविवार को उत्साह के साथ संपन्न हुआ. इस समय उर्दू हायस्कूल के पीछे आयशा लॉन्स में संपन्न हुए कार्यक्रम में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने प्रमुख वक्ता के रूप में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा की आज जरूरत है की सभी धर्म के लोग एक साथ बैठ कर आपस में फैली गलतफहमियों को दूर करें.
इस समय जमात के खयामें अदल व खिस्त के प्रदेश सचिव शेख मुजीब ने जमाते इस्लामी हिंद के ७५ वर्ष के कार्यों के बारे में सभी को जानकारी दी तथा कहा कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों में आपसी एकता निर्माण करने का सबसे बड़ा काम जमात कर रही है.

जिला संगठक अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि इस्लाम ने दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया है. मानवी जरूरत को कानून के दायरे में रख कर जिंदा सही तरीके से अल्लाह की मर्जी अनुसार जीने का तरीका बताया है.
सोहेल अमीर ने इस्लामी समाज की परिभाषा को सभी के समक्ष रखा और बताया की सामाजिक जिम्मेदारियों का इमानदारी से निर्वहन किया जाना समय की जरूरत बन गई है.
डॉ शादाब मूसा ने बच्चों की परवरिश के बारे में विस्तार पूर्वक बताया तथा उन्हें हद से ज्यादा आजादी नहीं देने तथा बडे सपने दिखाने की बात कही ताकि वे समाज और देश को नैतिकता के आधार पर आगे बढा सके.
इस कार्यक्रम में मौलाना सोहेल नदवी, मौलाना गुलाम अहमद नदवी, मौलाना सरवर कासमी, मोहम्मद फहीमुद्दीन, अब्दुल रउफ नदवी ने भी मार्गदर्शन किया.
कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज तहसीन द्वारा कुरान की तिलावत से की गई. मौलाना जुबेर नदवी की दुआ पर कार्यक्रम का समापन हुआ. सूत्रसंचालन अब्दुल कुद्दूस कुरैशी और मुख्तार खान ने किया. आभार शहराध्यक्ष शेख इस्माइल ने माना.
* महिलाओं के लिए भी अलग से हुआ आयोजन

जिल्हास्तरीय इज्तेमा महिलाओं के लिए भी अलग से सीटी लॉन्स में संपन्न हुआ.
इस समय औरंगाबाद की मुबश्शिरा फिरदौस ने महिलाओं का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें इस्लाम द्वारा दिए गए अधिकारों की जानकारी दी तथा कहा की घर में मजहबी माहौल के निर्माण में महिलाओं को सतर्क रहकर अपने बच्चों की परवरिश पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इस समय यासमीन बेगम, आमेना अलमास, जवेरीया बाजी, अम्मारा फिरदौस, फरहत अल्फिया, नुजहत शाहीन ने भी मार्गदर्शन किया.