आशुरखाना-मूर्ती बेस के भूखंड की गिनती कर सुरक्षित करने की मांग **वक्फ मुख्याधिकारी से मौके पर पहुंच अपनी निगरानी में पंचनामा कराने की मांगवक्फ मुख्याधिकारी से मौके पर पहुंच अपनी निगरानी में पंचनामा कराने की मांग

जालना:  जालना शहर के क्षतिग्रस्त मूर्ति बेस का बड़ा हिस्सा यह कहकर तोडा गया था की यहां पर उसी तरह का बेस नए से बनाया जाएगा. लेकिन इन दिनों चचाएं यह चल पडी ही की जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा वक्फ बोर्ड को बेस को पूरी तरह सड़क से हटाकर सड़क का व्यवधान दूर किया जाए. इस बात में कितनी सच्चाई है इसका पता तो नहीं चल सका है. अलबत्ता आशुरखाना मूर्ति बेस के भूखंड को सुरक्षित रखने की दिशा में लोग कोशिश करते नजर आ रहे है. 

बता दे की वर्ष भर पहले ट्रक के कारण क्षतिग्रस्त हुए मूर्ति बेस का दो माह पहले ऊपरी हिस्सा ढहा दिया गया था. इसके दोबारा निर्माण के लिए नगर पालिका ने ५० लाख रुपए भी मंजुर कर दिए थे. लेकिन इस बीच अब बेस को पूरी तरह सड़क से हटा देने की कोशिशें होती दिख रही है. 

इस संदर्भ में आज दर्गा हजरत जानुल्लाह शाखा बाबा के खादिम मोहम्मद जावेद मोहम्मद युसुफ ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के मुख्य अधिकारी को पत्र देकर आरोप लगाया की वक्फ के अधिकारी भ्रष्ट हो चुकी है. ऐतिहासिक और मजहबी महत्व वाले आशुरखाना-मूर्ति बेस मामले में आंख बंद कर हो रही कार्रवाई से वक्फ को नुकसान पहुंचा है. इसलिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वयं मौके पर आए तथा आशुरखाना-मुर्तीबेस के भूखंड का मार्क आउट कर इस वक्फ के हित में सुरक्षित करें.

* पहली बार दिखाई दिया आशुरखाना-मूर्तीबेस का पीआर कार्ड

मोहम्मद जावेद ने अपने पत्र के साथ आशुरखाना- मूर्तीबेस का पीआर कार्ड भी पेश किया. इसपर ४१३८ नंबर है तथा साफ शब्दों में ६४ चौरस मीटर क्षेत्र के साथ ही मालिकाना हक मराठवाड़ा वक्फ बोर्ड का बताया गया है. 

*पीआर कार्ड का उल्लेख आते ही  प्रशासन के होश उड गए। 

बता दे कि मामले मुंबई में मानवाधिकार आयोग के समक्ष पहुंचने के बाद आयोग ने बार बार जालना जिलाधिकारी से मूर्तीबेस के मालिकाना हक के दस्तावेज मांगे थे. लेकिन आज तक भी इस बेस के किसी भी तरह के दस्तावेज ना तो जिला प्रशासन और नगर पालिका ने किसी को बताए. वक्फ बोर्ड भी केवल इसपर अपना हक  जताता रहा लेकिन भ्रष्ट नीति के तहत उनकी चुप्पी काफी कुछ बयान करने लगी है. मामले की जांच होने पर कई बड़ी मच्छलिया जाल में फस जाएगी. 

* जानबूझकर दस्तावेजों को छुपाया जा रहा है- मोहम्मद जावेद

फोटो: क्षति हुए मूर्ति बेस के ऊपरी हिस्से को तोड दिया गया है. इसे दोबारा बनाना तो दूर इसके बचे हुए मलबे को भी हटाने की कोशिशों को लेकर चर्चा शहर में चल रही है.

मो जावेद ने कहा की मूर्ति बेस को क्षति यूं ही नहीं पहुंची. इसमें भी साजिश ही है. साल भर से लोग इस बेस को बनाने या तोड़ने को लेकर शोर मचा रहे है लेकिन किसी ने भी इसके मालिकाना हक के दस्तावेज सामने आने नहीं दिए. रास्ता चौड़ा होने से कुछ रईसों की दुकानों को भाव आने वाले है. यही वजह है की वक्फ के अधिकारी भी अजीम खामोशी में है. अब इस बेस और आशुरखाना-मूर्तीबेस के संपूर्ण भूखंड को सुरक्षित रखने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा.