
जालना एमआयडीसी प्रदूषण मामले में जांच के आदेश जारी
* केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को जारी हुए निर्देश
* केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से की गई थी शिकायत
जालना: भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (सीपीए अनुभाग) के वैज्ञानिक डॉ सोनू सिंह ने जालना औद्योगिक वसाहत में जानलेवा वायु प्रदूषण के मामले में गंभीरता दर्शाते हुए केंद्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य सचिव को पत्र देकर मामले की जांच कर अहवाल देने के निर्देश जारी किए.
गौरतलब है कि जालना एमआयडीसी के साथ ही शहर में चल रहे पुराने वाहनों के कारण शहर में बढ़ते प्रदूषण तथा इस समस्या को लाख आंख बंद करने वाले जालना के प्रदूषण विभाग और आरटीओ विभाग के विरुद्ध समाज सेवक शेख खलील ने कई बार आवाज उठायी थी लेकिन जब किसी के भी कान पर जूं नहीं रेंगी तो उन्होंने अजमेर पहुंच केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से उनके निवास स्थान पर मुलाकात कर जालना शहर में गरीब लोग किसी तरह जहरीली हवा के कारण तडप तडप के मरने को मजबूर है इसके फोटो और वीडियो बताकर जांच करने की मांग की थी.
शेख खलील की इस शिकायत पर पर्यावरण मंत्री ने तत्काल अपने महकमे को निर्देश जारी कर दिए थे. ३ जनवरी को महकमे के वैज्ञानिक ने केंद्रीय प्रदूषण मंडल को पत्र देकर जांच कर की गई कार्रवाई का आहवाल देने को कहा.

* क्या थी शिकायत?
समाज सेवक शेख खलील ने पर्यावरण मंत्री से मुलाकात कर जो शिकायत की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में स्थित मराठवाडा का जालना शहर अब औद्योगिक केंद्र बनता जा रहा है. यह शहर स्टील कारखानों, री रोलिंग मिल और फर्नस कारखानों के कारण स्टील हब बन चुका है. ड्रायपोर्ट सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं के शुरू होने के बाद यहां बड़ी संख्या में देश दुनिया के कारखाने स्थापित होंगे तथा कारखानों की संख्या में इजाफा होगा. जो की विकास के लिए बहुत बढ़िया है.
लेकिन समस्या यह है की इन कारखानों में से कुछ एक को छोड दिया जाए तो अन्य कारखानों में नियमों का पालन नहीं होने के कारण स्टील फर्नेस कारखानों के चलते औद्योगिक वसाहत में जहरीला धुआं (वायु प्रदूषण) बहुत बढ़ चुका है. औद्योगिक वसाहत शहर से सट कर होने के कारण तथा यहां पर शहर के उपनगर चंदनझिरा, नागेवाडी, सुंदरनगर, नेशनल नगर, भवानी नगर जैसे इलाके है जहां पर कारखानों में काम करने वाले मजदूर परिवार के साथ ही शहर की जनसंख्या का बड़ा हिस्सा रहता है.
* जहरीले धुएं का सेहत पर विपरीत परिणाम
इस जहरीले धुंए के कारण अब लोग बीमारियों से ग्रस्त होने लगे है, दमे जैसी समस्याएं और दिल की बीमारियों से जूझ रहे है. परिसर के खेतों पर भी विपरीत परिणाम हो रहा है. किसान परेशान है. इन जहरीले धुंए के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है.

* वाहन दुर्घटनाएं भी बढी
कारखानों से निकलने वाला धुआं काला होने के कारण सड़कें तक इस धुएं से घिरने लगी है. जिसके चलते हर दिन दुर्घटनाएं भी होने लगी है. इन दुर्घटना में कई मौतें हो चुकी है. इसके अलावा शहर में विशेष कर कारखानों में माल लेकर आने वाले ट्रकों की भी जांच नहीं होने के कारण इन वाहनों से निकलने वाला धुआं चंदनझीरा के लिए जानलेवा बन चुका है.
* महाराष्ट्र प्रदूषण मंडल ने कोई कार्रवाई नहीं की
पर्यावरण मंत्री को दस्तावेजों के साथ बताया गया था की कितनी बार शिकायत की गई है. जब महाराष्ट्र प्रदूषण मंडल किसी भी तरह की कार्रवाई के मूड में नहीं था तब जाकर पर्यावरण मंत्री से शिकायत करनी पडी. जालना में कितने स्टील कारखानें है इसकी सूचना मांगी गई तो संबंधित विभाग ने आधी अधूरी ही जानकारी दी.

* विकास हो रहा है बहुत अच्छी बात है लेकिन स्वास्थ्य भी तो जरूरी है – शेख खलील
इस संदर्भ में समाज सेवक शेख खलील ने उनके द्वारा अब तक की गई कार्रवाई के दस्तावेज बताए तथा कहा की शहर का नाम दुनिया के कोने कोने तक पहुंचना चाहिए लेकिन किसी की जान को खतरा नहीं होना चाहिए. प्रदूषण मंडल की जिम्मेदारी है कि जिस तरह जापान सहित अन्य विदेशों में कारखाने वाले इलाकों में सड़कों पर हवा साफ करने के यंत्र लगाए जाते है वैसी व्यवस्था जालना में हो. जालना से जीएसटी सहित अन्य टैक्स सबसे ज्यादा वसूल होता है लेकिन सुविधा नहीं मिलने के कारण लोगों की जान पर बन आयी है. जालना में प्रदूषण को लेकर यदि अब भी लापरवाही बरती गई तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.