संपादित जमीन का मुआवजा ईडी या जिलाधिकारी कार्यालय में होगा जमा!

* रास्ते विकास महामंडल के राधेश्याम मोपलवार ने दिया आश्वासन

* विधायक कैलाश गोरंट्याल की उपस्थिति में जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक संपन्न

* जालना- नांदेड समृद्धी महामार्ग पर रामनगर शक्कर कारखाना मामला

जालना: रामनगर सहकारी शक्कर कारखाने से होकर गुजरने वाले जालना- नांदेड समृद्धी महामार्ग की जमीन संपादित की जाने वाली जमीन का मुआवजा या तो ईडी या फिर जालना जिलाधिकारी कार्यालय में जमा किया जाएगा. यह आश्वासन रास्ते विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक राधेश्याम मोपलवार ने  जिलाधिकारी कार्यालय में शक्कर कारखाना बचाव कृती समिती के साथ संपन्न हुई बैठक में किया.

विधायक कैलाश गोरंट्याल के नेतृत्व में रामनगर शक्कर कारखाना बचाव कृती समिती के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कारखाने की जमीन को लेकर रास्ते विकास महामंडल को ज्ञापन भी सौंपा. इस समय जालना जिलाधिकारी डॉ विजय राठोड भी मौजूद थे.  कृति समिति की ओर से ज्ञानेश्वर भांदरगे, सुभाष कोलकर, अंकुश राऊत, ज्ञानेश्वर पायगव्हाणे, माऊली कदम, शरद देशमुख, अरुण वझरकर आदि उपस्थित थे. 

* कारखाने की नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह गैरकानूनी – गोरंट्याल

फोटो: जालना-नांदेड महामार्ग के लिए संपादित होने वाली जमीन के मुआवजे को लेकर शक्कर कारखाना बचाव कृती समिती ने विधायक कैलाश गोरंट्याल के नेतृत्व में मंगलवार को रास्ते विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक को ज्ञापन सौंपा.

जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक के उपरांत विधायक गोरंट्याल ने संवाददाताओं को बताया कि रास्ते विकास महामंडल के व्यवस्थापकीय संचालक राधेश्याम मोपलवार ने उनकी बात को गंभीरता से सुना है तथा आश्वासन दिया की जमीन संपादित करने के बाद जो मुआवजा मिलेगा वो ईडी या जिलाधिकारी कार्यालय में ही जमा किया जाएगा. विधायक गोरंट्याल ने कहा की हमने ईडी के तहत की गई कार्रवाई के मुद्दे उठाए जिसमें साफ कहा गया कि कारखाने की जो नीलामी हुई है वो गैरकानूनी है. कम से कम तीन लोग नीलामी में होना जरुरी था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शासन को धोके में रख कारखाने की जमीन का सातबारा नाम पर किया गया है. 

* किसान, सभासद और कर्मचारी है जमीन के असली हकदार

गोरंट्याल ने कहा की इस कारखाने के लिए अपनी जमीन देने वाले किसान, सभासद तथा यहां के कर्मचारी ही कारखाने के असली हकदार है. इसलिए मुआवजे के रूप में जो 100 से 150 करोड़ रुपए मिलेगा उसमें से कर्मचारियों का पिछले 8-9 साल से बकाया वेतन, ग्रॅज्युटी तथा प्रॉविडेंट फंड अदा किया जाए. सभासदों तथा किसानों को भी मुआवजा दिया जाए. 

* शक्कर कारखाने से ही गुजरेगा महामार्ग 

गौरतलब है की कृती समिती ने मांग की थी की शक्कर कारखाने के भूखंड से इस महमार्ग को ना ले जाया जाए लेकिन रास्ते विकास महामंडल का कहना रहा कि अब यह संभव नहीं है रास्ता शक्कर कारखाने के भूखंड से ही होकर गुजरेगा. 

* महामार्ग का जायजा लेने के उद्देश्य से संपन्न हुई थी बैठक

गौरतलब है कि जालना-नांदेड समृद्धी महामार्ग के लिए संपादित होने वाली जमीन तथा अन्य मुद्दों का जायजा लेने के उद्देश्य से व्यवस्थापकीय संचालक द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई थी. इस बैठक की जानकारी मिलने पर कृती समिती ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे ज्ञापन सौंपा.