
नियत थी लाखों चुराने की, खुली तिजोरी ने दे दिए करोड़ों
* व्यापारियों की लापरवाही अब बनने लगी परेशानी
* दुकानदारों को नौकरों को अच्छा वेतन और उचित सम्मान देने की जरुरत

जालना: जालना के पुराना मोंढा में पौने दो करोड़ रुपए के कैश की चोरी से संपूर्ण मराठवाडा का व्यापारी जगत परेशान था लेकिन जांच में यह भी साफ रहा की व्यापारियों की लापरवाही भी इस चोरी का प्रमुख कारण भी रही. मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जिला पुलिस अधीक्षक ने पूरी घटना की जानकारी देने के साथ ही व्यापारियों के लिए भी कई दिशा निर्देश जारी कर दिए.
* लाखों चुराने थे, खुली तिजोरी ने करोड़ दे दिए
इसमें एक खास बात यह थी की दुकान में काम करने वाला नोकर पैसे रखने वाले कमरे की तरफ नजर रखे हुए था. इस कमरे की चाबी कहां रखी जाती है इसकी भी उसको जानकारी थी. यह भी पता था की जो राशि गिनी जा चुकी है तथा दूसरे दिन बैंक में जमा होनी है उसे तिजोरी में रखा जाता है और जो जिसे गिनना बाकी है उसे तिजोरी के पास बैग में रख दिया जाता है. चार ने उसी बैग में रखे लाखों रुपए चुराने का मन बनाया. जिस समय चोर बैग तक पहुंचा उस बैग में लाखों रुपए थे भी लेकिन इसी समय उसने तिजोरी का हैंडल शायद घुमा दिया तथा तिजोरी खुल गई और करोड़ों मिल गए. यदि तिजोरी बंद होती तो चोरी होती भी तो लाखों की, करोड़ों की नही.

* पुलिस अधीक्षक ने जारी किए निर्देश

इस बीच जिला पुलिस अधीक्षक डॉ अक्षय शिंदे ने कहा कि व्यापारी जो बड़े पैमाने पर व्यापार करते है को चाहिए की वो इतनी बड़ी राशि दुकान में ना रखे, इतना बड़ा व्यवसाय है तो चौकीदार रखना भी संभव है, कुछ व्यापारी एक साथ मिल कर चौकीदार रखने की व्यवस्था करें, जो सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है वो अच्छी क्वालिटी के हो कोशिश करें की नई तकनीक वाले कैमरे जिसका नजारा मोबाइल पर भी देखा जा सकता है को तरजीह दी जाए. दुकान में नोकर रखने से पहले पुलिस से उसका कैरेक्टर सर्टिफिकेट हासिल कर ली. दुकान के नौकरों की सूची भी पुलिस थानों को दी जाए.

* नौकरों को अच्छा वेतन देना और उनके साथ अच्छा बर्ताव किया जाना भी जरुरी – एड महेश धन्नावत
इस मामले को लेकर जालना जिला ग्राहक वकील संघ के अध्यक्ष एड महेश धन्नावत का कहना रहा की. नौकर ईमानदार होते है क्योंकि दुकान ही उनकी रोजी रोटी का साधन होते है. लेकिन हाल के दिनों में यह देखा जा रहा है की कम वेतन पर नौकरों से काम करवाया जा रहा है. सुबह ९ से रात ११ बजे तक नौकर काम करते है. दोपहर पर दुकान में ही टिफिन खाकर पेट भरते है. इसके बावजूद कई दुकान मालिकों का नौकरों के साथ बर्ताव भी तुच्छ होता है. गाली ग्लोच भी की जाती है तथा मारपीट की भी घटनाएं होती है. यदि नौकरों को अच्छा वेतन दिया जाए, सरकार द्वारा तक किए गए घंटों के हिसाब से ही काम करवाया जाए, रविवार को व्यवसाय बंद रख नौकरों को छुट्टी दी जाए तथा उनके साथ इंसानों जैसा व्यवहार होगा तो वो चोरी की बात नहीं सोचेंगे तथा पूरी ईमानदारी से अपना काम करेंगे.
