दरगाह जान उल्लाह शाह खुद्दाम कमेटी मामला गहराने लगा

* दो लोगों के विरुद्ध कदीम जालना थाने में मामला दर्ज

जालना: महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड द्वारा जालना शहर की दरगाह जान उल्लाह शाह बाबा की अरबों रुपए की संपत्ति के व्यवस्थापक के रूप में जिस कमेटी को नियुक्त किया है उसके विरुद्ध आवेजे उठने लगी है. इस मामले में नई कमेटी में शामिल दो लोग पर दरगाह में मुजावर से गाली ग्लोच करने के प्रकरण में मामला दर्ज किया गया है. 

दरगाह जान उल्लाह शाह बाबा

प्राप्त जानकारी के अनुसार १९ दिसंबर सोमवार को जब दर्गा में मुजावर मोहजिबोद्दीन नजमुद्दीन फारुखी अपना नियमित कार्य कर रहा था. ठीक इसी समय आरोपी फहीमुद्दीन रियाजुद्दीन शेख और शेख मुजीब शेख शमशुद्दीन (दोनों मूल रूप से घनसावंगी तहसील के रांजणी निवासी, इन दिनों मियासाहब दर्गा जालना में रहने वाले ) दर्गा परिसर में पहुंचे तथा फरियादी मोहजिबोद्दीन से कहा की अब तुम्हारा यहां कोई काम नहीं है. यहां पर तुम मुजावर के तौर पर काम नहीं कर सकते. फरियादी जब दोनों को समझाने लगा तब इन दोनों ने उसके साथ गाली ग्लोच की तथा धमकी दी की यहां पर दोबारा दिखा तो हाथ पर तोड देंगे. 

इस घटना के बाद फरियादी ने कदीम जालना पलिस थाने पहुंच शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद फहीमुद्दीन और शेख मुजीब के विरुद्ध भादवि की धारा ५०४, ५०६, ३४ के तहत मामला दर्ज किया गया. 

* सर्वे नंबर २३९ भूखंड प्रकरण की जांच हुई तो सब की पोल खुल जाएगी

वक्फ बोर्ड द्वारा नई खुद्दाम कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी देने के मामले में मंत्रालय में वक्फ बोर्ड के खिलाफ अपील करने वाले दरगाह के खादिम मोहम्मद जावेद मोहम्मद युसूफ का कहना रहा है दरगाह परिसर में गाली ग्लोच जैसी घटना का होना निंदनीय है. मेरा यही कहना है की नई कमेटी को दरगाह में मजहबी कामों से कोई सरोकार नही है जाकिर नाइक की सोच रखने वाले लोग २१०० करोड़ की दरगाह की संपत्ति पर नज़र रखे हुए है. इससे पहले जो खुद्दाम कमेटी थी उसने बॉण्ड पर दरगाह की मिल्कियत सर्वे नंबर २३९ के करीब ९ एकर भूखंड की खरीदी बिक्री की है. इस प्रकरण में जिला वक्फ अधिकारी ने भी अपने अहवाल मे बडा फ्रॉड होने का अहवाल वरिष्ठ कार्यालयों को भिजवाया है. इस प्रकरण की यदि निष्पक्ष जांच होती है तो नई नियुक्त खुद्दाम कमेटी की पोल खुल जाएगी तथा इन लोगों के विरुद्ध वक्फ एक्ट १९९५ की धारा ५२ ए के तहत मामले दर्ज होंगे. 

* फ्रॉड रुप से भले ही नई कमिटी का प्रस्ताव मंजूर हुआ है लेकिन ताबा लेने और किराया वसूल करने का उल्लेख कहीं पर भी नहीं है

इस सब में यह सच्चाई यह भी है कि भले ही वक्फ बोर्ड ने नई खुद्दाम कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. लेकिन इस प्रस्ताव में संबंधित कमेटी को ताबा लेने या किराया वसूलने के निर्देश नहीं है. जबकि नई कमेटी में शामिल लोग ताबा लेने और किराया वसूल करने के अधिकार प्राप्त हो जाने की बात कहकर लोगों को गुमराह कर रहे है. उनकी इसी हरकत से माहोल और भी बिगड जाने की बात मोहम्मद जावेद ने कही.