
सकल जैन समाज ने व्यापार बंद रखा जताया विरोध
*सम्मेद शिखरजी पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में सकल जैन समाज का बंद रहा सफल
* मोटरसाइकिल रैली निकालकर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
* जैन समाज की महिलाएं भी हुई रैली में शामिल
जालना: जैन धर्म अनादि काल से एक प्राचीन और स्वतंत्र धर्म है, इस धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने जिस सिद्ध क्षेत्र से मोक्ष प्राप्त किया था वो क्षेत्र झारखंड राज्य में श्री सम्मेद शिखरजी सिद्ध क्षेत्र है तथा यह स्थान पवित्र स्थान है. ऐसे पवित्र तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा देने के केंद्र व राज्य सरकार के फैसले से इस तीर्थ स्थल की पवित्रता भंग होगी. इस निर्णय के विरोध में बुधवार को जालना शहर के जैन व्यापारियों ने अपना व्यवसाय बंद रख विरोध दर्शाया.

इस समय शहर के सकल जैन समाज के व्यापारियों ने जालना शहर के नया मोंढा से जालना जिलाधिकारी कार्यालय तक मोटरसाइकिल रैली निकाली. रैली में पुरुषों के साथ ही जैन समाज की महिलाओं ने भी हिस्सा लिया. इस समय संगीता लव्हाडे, सोनल लव्हाडे, विजया बोरा, नीता बडजाते, रेखा कासलीवाल, वंदना पाटनी, मंजू पाटनी, रेणु पाटनी, दीपाली पाटनी, रोमा पाटनी, वंदना पाटनी, सारिका दागडा, पूजा पहाड़े सहित बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थी.
जालना जिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि, उक्त तीर्थ स्थल को पर्यटन का दर्जा दिए जाने के कारण यहां पर व्यावसायिक परिसरों की स्थापना की जा सकती है. वास्तव में यह स्थान वन्यजीव अभयारण्य है तथा यहां पर व्यापारी संकूलों के निर्माण के लिए ही यह साजिश रची गई है. पर्यटकों के आने से स्थान की पवित्रता भंग होगी. जैन समाज अहिंसा प्रेमी समाज है तथा सरकार के इस निर्णय का विरोध अहिंसक रूप से किया जा रहा है.
आज जालना शहर में सकल जैन समाज के व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखी. जालना शहर के मोंढे के साथ ही सुभाष रोड और सराफा में इस बंद का असर साफ दिखाई दिया.

इस अवसर पर संजय लव्हाडे, विरेंद्र रूनवाल, रमेश सावजी, सुजीत सावजी, पदम कासलीवाल, संजय लव्हाडे, अनिल सोनी, सुरेश लुनावत, विकास जैन, राजेन्द्र संचेती, विजय बाफना, रविराज पाटनी, भूषण बोथरा, रविन्द्र संचेती, जयलाल सावजी, रितेश रुनवाल, प्रणय पहाड़े, दिलीप पीपाड़ा, सुनील सावजी, बालू कुचेरिया, शुभम सावजी, सुजीत सावजी, कोमल कुचेरिया, आनंद सेठिया, प्रकाशचंद चोरडिया, सुशिल बेगानी, आशीष सावजी, महेंद्र भाटिया, सुनील रुनवाल, अशोक लव्हाडे, सतीश पंच, माणिकचंद कासलीवाल, सुरेश सकलेचा, अनिल सोनी, ऋषभचंद माद्रप, महेंद्र सावजी, हस्तीमलजी बंब, योगेश पाटणी, अनिल छाबडा, सुरेश लुनावत, प्रशांत भंडारी, सुयोग सुराणा,चेतन बोथरा, कमलेश गोलेछा, अभिषेक दगड़ा, दर्पण सकलेचा, दर्पन पारीक, अभिजीत गोधा, राजेश रुनवाल, पपीन मोदी, दिलीप बाकलीवाल, मेहुल रूपड़ा, विजय सावजी, प्रमोद सावजी, विपिन सावजी, रोहित बरलोटा, मदन सावजी, सुगंचन्द देसरदा, संजय दुगड़, चंदन गोलेछा, अजय बोरा, प्रेम लोढा आदि मौजूद थे.
इस मौके पर संजय लव्हाडे ने कहा कि धर्म एक अजेय हथियार है. बिना धर्म के कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता है. धर्म की रक्षा होगी तो ही हमारी रक्षा होगी. इसलिए झारखंड सरकार के फैसले का विरोध दुकाने बंद कर आर्थिक रूप से विरोध जताया जा रहा है. वीरेंद्र रनवाल ने कहा कि सम्मेद शिखरजी पर्यटन स्थल नहीं बल्कि मन की गंदगी साफ करने का पवित्र स्थान है. इसलिए हमने कड़ा बंद रख कर इसका विरोध किया है ताकि तिर्थक्षेत्र को पवित्र रखा जाए.
