अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस को मजाक में ले लिया जालना जिला प्रशासन ने

* जिला प्रशासन ने कार्यक्रम तो रखा लेकिन आयोजित ही नही किया

* अल्पसंख्यांक समाज में नाराजगी का सूर 

* अब जालना में जनवरी माह में मनाया जाएगा अधिकार दिवस

जालना: पूरी दुनिया में अल्पसंख्यांक समाज को उनके अधिकार दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा १८ दिसंबर अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है. जालना जिला प्रशासन ने प्रेस नोट जार कर अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस का सरकारी कार्यक्रम सोमवार १९ दिसंबर को मनाने की बात कह कर अल्पसंख्यांक समाज के लोगों को आमंत्रित किया था. लेकिन आज लोग जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे लेकिन यहां कार्यक्रम के आयोजन की बात तो दूर सभागृह में सादा बैनर भी लगा हुआ नहीं था. इस बात से नाराज कई लोग तो वापस चले गए जबकि एक शिष्टमंडल ने जालना जिलाधिकारी से मुलाकात कर उनके समक्ष अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अपनी विविध मांगों का ज्ञापन सौंपा.

* सभागृह में सन्नाटा

गौरतलब है की सरकारी परिपत्रक के अनुसार जिला प्रशासन की जिम्मेदारी थी की वो अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन करना तथा अल्पसंख्यकों के लिए चलायी जाने वाली योजनाओं का ब्योरा समाज के समक्ष रखता. उल्लेखनीय कार्य करने वालों का उचित सम्मान किया जाता. लेकिन जिलाधिकारी कार्यालय ने प्रेस नोट जारी कर रविवार छुट्टी का दिन होने के कारण अल्पसंख्यांक हक्क दिन का कार्यक्रम सोमवार को आयोजित करते हुए नागरिकों को अखबारों में खबर प्रकाशित कर निमंत्रण दिया था. लेकिन आज जिलाधिकारी कार्यालय के सभागृह में कुर्सियां खाली थी, स्टेज पर बैनर भी नहीं लगा था. कार्यक्रम के आयोजन की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर थी वो भी संपर्क से बाहर थे. 

* दोपहर बाद शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी से की मुलाकात

सुबह ११ बजे के इस कार्यक्रम को शुरू होने के इंतजार में अल्पसंख्यांक समाज के कई लोग दोपहर १२.३० बजे तक सभागृह के पास चक्कर काटते रहे. जब यह महसूस हो गया की प्रशासन को कोई सुध नहीं है तो कई लौट गए जबकि एक शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी नाराजगी का इजहार किया.

* कार्यक्रम के लिए जो प्रमुख वक्ता थे, वे भी नजर नहीं आए

इस सब में उल्लेखनीय बात यह भी रही की अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस के सरकारी कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में एड पीएम कुलकर्णी और एड पीजे गवारे के नाम सरकारी प्रेस नोट में दर्शाए गए थे लेकिन कार्यक्रम स्थल पर प्रमुख वक्ता भी नहीं पहुंचने की बात यहां उपस्थित अल्पसंख्यांक समाज के लोग ने बतायी.

* शिष्टमंडल ने की जालना जिलाधिकारी से मुलाकात

अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम को लेकर प्रशासन की उदासीनता के चलते कांग्रेस सेवादल जिला कार्याध्यक्ष अब्दुल रफिक, राकांपा शहर उपाध्यक्ष तैय्यब बापू देशमुख, परतुर कांग्रेस प्रवक्ता, जावेद खान अय्युब खान, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष इकबाल कुरैशी आदि के शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की. जिलाधिकारी ने शिष्टमंडल को बताया की शनिवार और रविवार को चुनावी ड्यूटी के कारण प्रशासन के अधिकारी जरूरी नियोजन समय पर नहीं कर सके. इस समय शिष्टमंडल ने अपनी विविध मांगों का ज्ञापन जालना जिलाधिकारी को सौंपा तथा जिले में अल्पसंख्यक समाज को लेकर चलायी जा रही योजनाओं में प्रशासनिक लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई. 

*इकबाल कुरैशी ने कहा की अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस को लेकर कार्यक्रम है इसलिए ही वे जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे थे. प्रशासन की इतनी लापरवाही ठीक नहीं है. कार्यक्रम रखा था तो इसे आयोजित भी करना चाहिए थे.

फोटो: शिष्टमंडल ने नाराजगी जताते हुए समाज की विविध मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.

* राकांपा शहर उपाध्यक्ष तैय्यब देशमुख ने कहा की अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस को लेकर कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजित करने की मांग को लेकर उन्होंने एक माह पहले की सरकार को ज्ञापन सौंपा था. सरकारी परिपत्रक के अनुसार कई कार्यक्रम होने जरुरी थे लेकिन जिला प्रशासन इस को लेकर पूरी तरह गाफील नजर आ रहा है. 

* आज अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस भूल गए कल हमें ही भूल जाएंगे – शाह आलम 

इस संदर्भ में राकांपा अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष शाह आलम खान ने कहा की वे दो दिन से जिलाधिकारी के संपर्क में थे.  वास्तव में जिलाधिकारी और निवासी उपजिलाधिकारी की जिम्मेदारी होती है की वे कार्यक्रम को बेहतर से बेहतर रूप में मनाएं. जालना में जिला प्रशासन की एक महिला अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इस महिला अधिकारी से आज संपर्क भी नहीं हो सका. शाह आलम खान का कहना रहा कि प्रशासन आज अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस को मनाना भूल गया हो सकता है कल अल्पसंख्यकों को ही भूल जाए.   

* इस समय परतूर कांग्रेस प्रवक्ता जावेद खान का कहना रहा कि अल्पसंख्यक स्कूलों की संच मान्यता २०१४-१५ से प्रलंबीत है. इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर कार्य होना जरूरी है.  

* कांग्रेस सेवादल जिला कार्याध्यक्ष अब्दुल रफिक ने लिखी में सौंपा ज्ञापन

अब्दुल रफिक ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर जिले में अल्पसंख्यक योजनाओं, सच्चर कमेटी के १५ कलमी अहवाल, केंद्र और राज्य शासन की विविध योजनाओं को गंभीरता पूर्वक चलाने की मांग की.  इसी के साथ  शासन – निर्णय एसएसएन 2019/प्र. क्र. 111 / टीएनटी-2 दि. 12-12-2022 को तुरंत रद्द करने की भी मांग की. कहा गया कि इस निर्णय से अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ाने वाले अंशतः: अनुदानित शिक्षकों का उल्लेख नही किया गया है.  

* जनवरी में मनाया जाएगा अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस – जालना जिलाधिकारी

इस संदर्भ में जब जिलाधिकारी डॉ विजय राठोड से संपर्क किया गया तो पहले तो उन्होंने यह कहा की अल्पसंख्यांक समाज के लोग बड़ी संख्या में नहीं पहुंचे थे इसलिए कार्यक्रम नहीं हुआ लेकिन जब बताया गया की अल्पसंख्यांक समाज ने प्रशासन के विरुद्ध नाराजगी जताने का ज्ञापन भेजा है. इस पर जिलाधिकारी का कहना रहा की चुनावी ड्यूटी के कारण सही तरह से नियोजेन नही हो सका. अल्पसंख्यांक समाज के कुछ लोगों ने इसे बड़े पैमाने पर जनवरी में मनाने की मांग की जिसके चलते अब इसे जनवरी में मनाया जाएगा. 

फोटो: इसी सभागृह में आयोजित किया जाना था अल्पसंख्यांक अधिकार दिवस. सभागृह में बैनर तक नहीं लगाया गया था.