
पीआर कार्ड ऑफिस में कर्मचारी कम और एजंट अधिक!
भूमि अभिलेख कार्यालय औरंगाबाद करेगा जांच
जालना: लक्ष्मी पुत्रों के शहर जालना में पैसा फेक तमाशा देख वाला नजरिया आज भी सरकारी महकमों में दिखाई देता है. जिलाधिकारी कार्यालय में स्थित भूमि अभिलेख कार्यालय (पीआर कार्ड ऑफिस) में कर्मचारियों की संख्या एजेंटों की संख्या से काफी कम है.
इस मामले की बढ़ती शिकायतों के बाद जालना जिलाधिकारी ने तो कोई कदम नहीं उठाया अलबत्ता गुरुवार को औरंगाबाद विभागीय कार्यालय के महसूल विभाग नायब तहसीलदार ने पत्र जारी कर भूमि अभिलेख कार्यालय औरंगाबाद को जांच के आदेश दिए.
* कर्मचारियों की संख्या है २५, दिखाई देते है केवल कुछ
इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता साद बिन मुबारक ने सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी मांगी थी उसके अनुसार पीआर कार्ड ऑफिस में कुल कर्मचारियों की संख्या २५ बताई गई है तथा इन सभी का कार्यालयीन समय सुबह ९.४५ से शाम ६.१५ बताया गया है. लेकिन सच्चाई यह है की दोपहर १२ बजे के बाद ही इक्का दुक्का कर्मचारी टेबल पर नजर आते है जो ४ बजे के बाद गायब भी हो जाते है. बाकी के कर्मचारी कहां अदृश्य रहते है इसकी जांच की जरूरत है. जबकि कार्यालय में एजेंटों के बैठने की जगह भी निश्चित है तथा इनकी संख्या पुरे जिलाधिकारी कार्यालय के ठिकानों या यह कहे ठेपे को मिलाकर २५ से अधिक ही है.
* एजेंटों की संख्या अधिक, काम केवल दलालों के मार्फत
साद बिन मुबारक की माने तो जो कर्मचारी कार्यालय में आते है उनका रवैया एकदम साफ है जो काम दलालों के मार्फत लाया जाएगा वही होगा अन्यथा साधारण व्यक्ती चप्पल भी घीस दे तो कुछ होना नहीं है. दलाल भी अपने मालदारों का फायदा करने के लिए नामुमकिन लगने वाले कामों के लिए भी मुमकिन करने वाले दस्तावेज बना ही देते है. जिससे शहर के संपत्ती धारकों को पता चले बगैर ही उनकी संपत्ति किसी और की हो जाती है तथा वो केवल अदालत का चक्कर काटते रहता है.
* जिलाधिकारी से मिलना जितना मुश्किल सुनिल केंद्रेकर से मिलना उतना ही आसान

गौरतलब यह भी है कि पीआर कार्ड ऑफिस जिलाधिकारी कार्यालय की बिल्डिंग में ही है तथा इसको लेकर यदि शिकायतकर्ता की चिठ्ठी जिलाधिकारी तक पहुंचाई जाती है तो शायद ही कभी ऐसा हुआ हो की मुलाकात आसानी से हो जाए. साद बिन मुबारक का कहना है की दो बार जिलाधिकारी से मुलाकात की पर्ची भेजी तो थी लेकिन जिलाधिकारी साहब बैठकों में व्यस्त थे. जबकि औरंगाबाद विभागीय आयुक्त सुनील केंद्रेकर से कुछ ही मिनटो में मुलाकात भी हो गई तथा उनके निर्देश के बाद विभागीय आयुक्त कार्यालय के नायब तहसीलदार ने जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी भूमि अभिलेख कार्यालय औरंगाबाद को दे दिए जिसके प्रतिलिपि जालना जिलाधिकारी को भी भेज दी गई है.