
नफरत के खिलाफ लडाई लंबी जरूर, लेकिन जीत पक्की – न्याय प्रल्हाद भगूरे
* एमपीजे के बंधुता अभियान का अंबड सेशन कोर्ट में हुआ समापन
जालना: भारत के लोग एकता और अखंडता को ही पसंद करते है तथा एकजुट होकर मिलजुल कर काम करने का जज्बा ही भारतीय गुण है. आज भले ही नफरत फैलाने वालों में भाईचारे का संदेश पहुंचाना कठिन हो रहा है लेकिन नफरत के खिलाफ यह लडाई लंब जरूरी है लेकिन इसमें जीत पक्की है. आज एमपीजे की तरह सभी को बंधुत्व अभियान चलाने की जरूरी है. यह प्रतिपादन अंबड सेशन कोर्ट के जिला न्यायाधीश प्रल्हाद भगूरे ने किया.

मुव्हमेंट फॉर पीस एन्ड जस्टिस द्वारा जिले भर में २६ नवंबर संविधान दिन से लगाकर १० दिसंबर मानवाधिकार दिवस तक विशेष बंधुत्व अभियान चलाया गया. इस अभियान का समापन १२ दिसंबर को जिला व अप्पर सत्र न्यायालय अंबड में विशेष समारोह का आयोजन कर किया गया. इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में न्याय प्रल्हाद भगुरे ने मार्गदर्शन किया.
इस अवसर पर इस अवसर पर एमपीजे राज्य कार्यकारिणी सदस्य अजीम पाशा मिया के साथ ही न्या खैरनार, उपविभागीय अधिकारी कापडणीस, न्या आर यू इंगले, न्याय डीएम गायकवाड, न्या गायकवाड मैडम, एड घुगे, एड चौकीदार, वकील संघ के अध्यक्ष केके वाघमारे उपस्थित थे.

इस समय न्याय भगूरे ने कहा की एक पखवाड़े तक एमपीजे ने जिस जज्बे से मुहिम को अंजाम देकर जगह जगह बैठके कर, कॉर्नर मीटिंग कर जनता के बीच पहुंच भाईचारे के संदेश को पहुंचाया है उससे यह साफ है की देश की जनता अमनपसंद है. हर स्तर पर इस तरह के अभियान शुरू हो जाए तो नफरत फैलाने वालों को अपने गलत मनसूबे अनजाम देने का मौका मिलेगा ही नहीं. लडाई लंबी है लेकीन इसकी जीत शानदार होगी.

इस समय अन्य मान्यवरों ने भी अपने विचार व्यक्त कर देश में अमन शांति को लेकर मार्गदर्शन किया.
एमपीजे के राज्य सदस्य अजीम पाशा ने कहा की एमपीजे का बंधुत्व अभियान केवल लोगों को एकजुट करना ही नहीं है बल्कि इस बंधुत्व की असली परिभाषा यह है की भारत के हर एक नागरिक के चेहरे पर खुशी हो और सभी को विकास के पूरे मौके मिले. संविधान ने भाईचारे की जो परिभाषा की है उसी को लेकर लोगों को जन जागृत किया जा रहा है.

इस पूरे उपक्रम को सफल बनाने के लिए एमपीजे अंबड शहर अध्यक्ष तारीख शाह, सचिव जफर खान, उपाध्यक्ष आवेस खान, उपाध्यक्ष शाहिद फारूक, आसिफ शेख, असद शेख, कोषाध्यक्ष बाबा पठान, सोहेल पठान, एसके अजहर, संतोष परदेसी, कय्युम पठान, शेख शब्बीर अंबडवी, कौसर शेख, दाई शेख, माज शेख असलम खान सहित एमपीजे के पदाधिरियों और सदस्यों ने परिश्रम किया.