स्याही फेंक मामले में गंभीर धारा को तुरंत हटाया जाए – विधायक कैलाश गोरंट्याल

* जालना के धरणा आंदोलन को खुला समर्थन

जालना:   

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष विधायक कैलाश गोरंट्याल ने मांग की है कि   उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंक मामले में गिरफ्तार पदाधिकारियों पर दर्ज भादवि की धारा ३०७ को तुरंत हटाया जाए. इस बीच मंत्री चंद्रकांत पाटील के कथित वकत्व्य के विरोध में मंगलवार १३ दिसंबर को जालना में अंबेडकर और बहुजन आंदोलन द्वारा आयोजित धरना आंदोलन को खुला समर्थन भी विधायक कैलाश गोरंट्याल ने घोषित किया. 

राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने तीन दिन पहले पैठण में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ बाबासाहेब अंबेडकर, ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले और  कर्मवीर भाऊराव पाटिल ने भीख मांग कर स्कूल शुरू करने का वक्तव्य किया. उनके इस विधान से देश भर में आक्रोश का माहौल है. जनता को महापुरुषों के कार्यों की खिल्ली उड़ाने वाले लोग पसंद ही नहीं है. इस विधान से अंबेडकर और बहुजन समाज के साथ ही पूरे देश की जनता की भावनाएं आहत हुई है. जिससे राज्य के जिलों में भी संतप्त प्रतिक्रिया देखी जा रही है. ऐसे ही प्रकरण में पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड के कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे मंत्री महोदय पर नाराज जनता ने स्याही फेंक  कर अपना निषेध व्यक्त किया है. 

इस घटना के बाद पुलिस ने पदाधिकारियों को हिरासत में भी ले लिया था. इन पदाधिकारियों पर विविध धाराओं के साथ ही भादवि की धारा ३०७ के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. मामला स्याही फेकने का है. इसमें जान से मारने की धाराओं का जोडा जाता पूरी तरह गलत है. इसलिए इस गंभीर धारा को तुरंत हटाया जाए.  

इस समय इस मामले को लेकर मंगलवार को होने वाले धरना आंदोलन का भी विधायक कैलाश गोरंट्याल ने समर्थन किया. 

फोटो: विधायक कैलाश गोरंट्याल.