
योग भवन और वाचनालय प्रकरण में अदालत ने जारी किया स्टेटस को
* जालना नगर पालिका की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं था
जालना: जालना शहर के सर्वे नंबर २२८ पर बनाए जा रहे योग भवन और वाचनालय का मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद संबंधीतों द्वारा इसका दोबारा निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया था. जिसको लेकर महाराष्ट्र वक्फ ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश एमटी अजीम ने जारी किए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्वे नंबर २२८ में स्थित श्यामाप्रसाद मुखर्जी उद्यान के पास शासन की योजना के तहत करीब ५ करोड़ की राशि खर्च कर योग भवन और वाचनालय का निर्माण शुरू किया गया था. अब्बासिया मस्जिद की इनामी जमीन पर हो रहे इस निर्माण को अवैध करार देते हुए दर्गाह जानुल्लाह शाखा बाबा के खादिम मोहम्मद जावेद मोहम्मद युसुफ ने वक्फ ट्रिब्यूनल में २४५/२०१८ के तहत अपील की थी. जिसको ट्रिब्यूनल ने १५ जनवरी २०१९ को स्टेटस को के आदेश दिए थे. जिसे १५ दिसंबर २०२० की सुनवाई के बाद भी जारी रखने के आदेश थे.

* दोबारा निर्माण शुरु होने के बाद अदालत ने जारी किए निर्देश
इस बीच लंबे समय से बंद काम को पिछले माह गुपचुप तरीके से शुरू किया गया था. जिसको लेकर वक्फ बोर्ड, लोक निर्माण विभाग और जालना नगर पालिका को भी पत्र देकर काम रोकने की मांग की गई थी. इसका कोई असर न होने पर मोहम्मद जावेद ने औरंगाबाद हाईकोर्ट के एड शेख नसीर के मार्फत इस मामले में स्टेटस को जारी रखने की मांग वक्फ ट्रिब्यूनल से की. इस समय एड नसीर ने अदालत को अब्दुल रशीद विद्ध जामा मस्जिद (गुंज) और दरगाह हजरत मस्तान शाह (पूर्णा) के सीआरए नं १५४/२०१२ हाई कोर्ट औरंगाबाद बेंच का हवाला देकर स्टेटस को जारी रखने की मांग की.

इस पर कोर्ट ने सभी दस्तावेजों की जांच की. जिसमें नगरपालिका को काम रोकने संबंधी दिया गया पत्र भी थी. इस मामले में नगर पालिका को अपनी बात रखने के लिए तलब भी किया गया था लेकिन जब नगरपालिका की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ तो ट्रिब्यूनल ने अपना आदेश जारी करते हुए योग भवन के निर्माण कार्य को स्टेटस को यानी कि जैसे थे का आदेश जारी कर दिया.
* इस संदर्भ में मोहम्मद जावेद ने कहा की संबंधी सर्वे नंबर २२८ में केवल योग भवन ही नहीं बल्कि कई अन्य निर्माण भी अवैध रूप से हो रहे है. वक्फ बोर्ड और नगरपालिका की जिम्मेदारी है की बिना इजाजत के काम होते ही ना दे. लेकिन जालना में ये दोनों भी महकमे अपनी जिम्मेदारी से मुंह फेर रहे है. शिकायत करने पर केवल दस्तावेजी कार्रवाई कर हाथ उठाने का काम सरकारी महकमे करने लगे है. योग भवन पर ५ करोड़ रुपये सरकारी खजाने से खर्च किए जा रहे है. अब तक ३ करोड़ का काम किया गया है. योग भवन को निष्कासित करने के आदेश वक्फ बोर्ड ने जालना नगर पालिका को दिए है. अब सरकार के पैसों की बर्बादी का जिम्मेदार कौन होगा यह भी तय किया जाए तथा वक्फ को नुकसान पहुंचाने वालों पर भी मामले दर्ज किए जाए.
