
नवोदित कलाकारों और वैज्ञानिकों का शानदार प्रदर्शन
* सेंट मेरिज स्कूल में गैलेक्सी प्रदर्शनी देखने शहर भर के लोग पहुंचे
* प्लेनेटोरियम के साथ ही, विज्ञान, इतिहास, भाषा और साहित्य का दिखा नजारा
* स्वर्ण जयंती महोत्सव

जालना: शहर की सेंट मेरिज स्कूल ने अपनी स्थापना के पिछले ५० वर्षों में न केवल इस शहर बल्कि देश को भी ऐसे होनहार नागरिक दिए है जो अपने- अपने क्षेत्र में माहिर बन समाज और देश की तरक्की में अपना योगदान निभा रहे है. आखिर स्कूल की इस सफलता का राज क्या है? इसका नजारा शहर की जनता ने स्कूल के भव्य प्रांगण में लगी गैलेक्सी प्रदर्शनी में देख ही लिया. जहां विद्यार्थियों ने कलाकार और वैज्ञानिक के रूप में अपनी कला और सोच को विविध रूप में ढाल दिया. इस प्रदर्शनी को देखने शहर के विविध स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ ही नागरिकों ने भी बडी संख्या में उपस्थिति दर्ज करवाई.

प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि उद्यमी और आईआईटीएन के साथ ही स्कूल के पूर्व छात्र आशीष मंत्री के हाथों किया गया. इस समय उन्होंने स्कूल के अपने पुराने दिनों को तो याद किया ही साथ ही विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण निर्माण करने के साथ ही कला और साहित्य को भी बढ़ावा देने वाले उपक्रमों की सराहना की.
कार्यक्रम में किनवट सेंट मेरिज स्कूल के प्राचार्य फादर इग्नेशियस फादर जॉन, फादर अरुण, फादर दीपक, फादर सॉलोमन, सेंट मेरिज स्कूल जालना के प्राचार्य फादर मनोज, फादर कुलंदई राज, फादर अनिल, फादर जॉन, सिस्टर लाली, सिस्टर फिलोमिना, सिस्टर सिसिलिया के साथ ही उपशिक्षाधिकारी खरात सर, विद्यार्थी, अभिभावक उपस्थित थे.

इस समय स्कूल के प्राचार्य रेव्ह फादर मनोज ने प्रर्शनी का उद्देश बताते हुए कहा कि विद्यार्थियों को उनके हुनर को प्रस्तुत करने का ही इसका मुख्य मकसद है ताकी यही बच्चे आगे चलकर पूरे अनुशासन के साथ अपने अपने क्षेत्रों में भी कुछ नया करते हुए आगे बढ़ते रहे.

* प्लैनेटेरियम देखने के लिए लगी कतारे

ब्रह्मांड के रहस्यों को हर कोई जानना चाहता है जिसके लिए मुंबई के नेहरु प्लानेटोरियम सहित बडे शहरों में स्थित ऐसे प्रकल्पों का दौरा करना पडता है. लेकिन सेंट मेरिज के विद्यार्थियों ने जालना में ही लोगां को ब्रह्मांड के रहस्य से रूबरू करा दिया. प्रदर्शनी में स्थापित प्लेनिटोरियम में चलाए गए इस विशेष उपक्रमों को देखने के लिए लोग कतार लगाकर इंतजार करते नजर आए.
* विज्ञान, इतिहास, भाषा और साहित्य का मेल एक ही जगह

प्रदर्शनी में न केवल विज्ञान से जुड़े प्रकल्प थे बल्कि इतिहास, हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, संस्कृति भाषा और उनके साहित्य को लेकर भी प्रकल्प थे. जिसमें प्रकल्प बनाने के साथ ही बच्चों ने प्रत्यक्ष रूप से भी संस्कृति और साहित्य से जुड़ी सजीव झांकियां प्रस्तुत की.
* सांस्कृतिक कार्यक्रम भी संपन्न

प्रदर्शनी स्थल पर विशेष मंच पर सुबह ८ से शाम ४ बजे तक विद्यार्थियों ने विविध कला, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत कर प्रदर्शनी देखने आने वालों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

* स्कूल में विद्यार्थियों के चौतरफा विकास की हर सुविधा – फादर मनोज
फादर मनोज ने इस दौरान प्रदर्शन स्थल पर अभिभावकों से रूबरू होकर पूरा समय उन्हीं के बीच बिताया तथा कहा कि विद्यार्थियों की जिज्ञासा को बढ़ावा देना जरूरी है. उन्होंने कहा की यहाँ पर विद्यार्थियों के चौतरफा विकास की पूरी सुविधा है. आज इस प्रदर्शनी में उनकी बौद्धिक क्षमता का अहसास सभी को हो रहा है.
