अल्पसंख्यांक अधिकार दिन को बराए नाम ना चलाया जाए 

* महाराष्ट्र मायनोरीटी एनजीओ फोरम का जिलाधिकारी को ज्ञापन

जालना:  १८ दिसंबर को अल्पसंख्यक दिवस मनाया जाएगा इस दिन को केवल बराए नाम या औपचारिकता पूरी करने के लिए ना मनाया जाए बल्कि अल्पसंख्यांक विकास सनियंत्रण समिती के कामों का जायजा लिया जाए तथा अल्पसंख्यक समाज को उनके अधिकारों के लिए जनजागृति करने की दिशा में उपक्रम चलाए जाए. यह मांग महाराष्ट्र मायनोरीटी एनजीओ फोरम ने आज जालना जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर की.  

ज्ञापन में कहा गया है कि,  हर साल 18 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र, अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक मंत्रालय के निर्देश के अनुसार मनाया जाता है. लेकिन सच्चाई यह है की  जिला अल्पसंख्यक विकास समन्वय समिति के माध्यम से कभी भी अल्पसंख्यक समुदाय के लिए न्याय की मांग को लेकर बैठक नहीं होती है. अल्पसंख्यक विकास योजना एवं 15-अनुच्छेद प्रधानमंत्री अल्पसंख्यक विकास कार्यक्रम के क्रियान्वयन के संबंध में त्रैमासिक बैठक कर समाज की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाना आवश्यक है. लेकिन ये सब केवल औपचारिकता के लिए ही हो रहा है. जिससे  अल्पसंख्यक समुदाय की अपेक्षा हो रही है, उसे दोयम दर्जे का दर्जा दिया जा रहा है.  अल्पसंख्यक विकास समन्वय समिति में गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में भी कोई निर्णय नहीं लिया जाता है.

फोटो: अल्पसंख्यांक अधिकार दिन को बराए नाम ना चलाया जाए इस मांग सहित अन्य विषयों को लेकर  महाराष्ट्र मायनोरीटी एनजीओ फोरम ने  जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. 

ज्ञापन में कहा गया है कि  अल्पसंख्यक अधिकार दिवस को मनाने के लिए अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यक मंत्रालय से कम से कम 1 लाख के फंड का अनुरोध किया जाना चाहिए. यह भी पूछा गया की पिछले वर्ष  अल्पसंख्यक विकास नियंत्रण समिति की कितनी बैठकें हुई और उन बैठकों का कार्यवृत्त क्या रहा. अल्पसंख्यक विकास विभाग के गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ति हेतु की गई कार्रवाई की जानकारी देने की भी मांग की गई. 

इसके अलावा अन्य कई मांगे ज्ञापन में रखी गई. ज्ञापन पर जाकिर शिकलगार, शेख चाँद पी.जे., शेख बाबुभाई, तारीख सुभानी, शेख मतीन, शेख अकबर रजा, शेख शफीक, अजीम खान, वसीम खान, सय्यद अफसर आदि ने नाम है.