नागरिकों के मन में नदियों को लेकर आत्मीयता निर्माण करने की जरुरत – जिलाधिकारी राठोड

* चलो नदी की ओर चलें  उपक्रम को लेकर बैठक संपन्न

जालना:

स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अवसर पर चलो नदी की ओर चलें  अभियान के तहत नदी संवाद यात्रा 2 अक्टूबर को सेवाग्राम वर्धा से शुरू हो चुकी है. इस संबंध में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. जालना जिलाधिकारी कार्यालय में आज संपन्न हुई बैठक में जिलाधिकारी डॉ विजय राठोड ने जिले में इस अभियान को सफलतापूर्वक  अंजाम देने के लिए सभी नागरिकों व ग्रामीणों को अपने क्षेत्र में बहने वाली नदी के प्रति अपनापन रखने की जरूरत पर जोर दिया. 

9 दिसंबर 2022 को जिलाधिकारी  कार्यालय में चलो नदी की ओर चलें अभियान  को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई, इस समय वे बोल रहे थे. इस मौके पर उपजिलाधिकारी  शर्मिला भोसले सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

जिलाधिकारी  डॉ. राठौड़ ने कहा कि जिले में दो चरणों में  चलो नदी की ओर चलें अभियान चलाया जायेगा तथा प्रथम चरण में ग्राम एवं शहर   स्तर पर सुजान नागरिकों की समिति गठित कर विभिन्न बैठकें आयोजन करने तथा इसके जानकारी ग्रामीण इलाकों की जनता को देने के निर्देश दिए.  इस अभियान के प्रति जन-जागरूकता फैलानी चाहिए, नदी के बारे में सभी पक्षों को शामिल कर नदी के आसपास के सभी गांवों में हर घर नर्सरी का संदेश फैलाकर लोगों को हर घर में एक छोटी नर्सरी बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए. पहले सत्र में गांव के लोगों में जागरूकता निर्माण करने तथा  दूसरे सत्र में समन्वयक शिवार फेरी, नदी क्षेत्र में जाकर नदी के बारे में जानकारी हासिल करने जैसे उपक्रमों पर चर्चा की.  नदी अध्ययन के तहत स्थानीय स्तर पर नदी की समस्याओं और उसके संभावित समाधान की तलाश करने. स्कूल और कॉलेज के छात्रों, समन्वयकों और जनभागीदारी के माध्यम  चलो नदी की ओर चलें अभियान को  सफल बनाने की अपील की गई. 

इस अभियान में कृषि, वन विभाग, आत्मा, जिला ग्रामीण विकास व्यवस्था, सामाजिक संस्थाओं आदि सहित सभी नागरिकों को सक्रिय रूप से भाग लेने और नदी के विकास के लिए प्रयास करने पर जोर दिया गया. बताया गया. जनवरी माह में अभियान की रिपोर्ट प्रशासन को सौंपने के बाद शासन को भेजी जाएगी.

फोटो: जालना शहर से गुजरने वाली कुंडलिका नदी में चलाए गए कायाकल्प अभियान के बाद नदी का भव्य रूप दिखाई दे रहा है. जबकि कुछ वर्ष पहले तक यह नदी ना होकर बड़ा नाला ही कहलाती थी.  

इस बैठक में जालना शहर से गुजरने वाली कुंडलिका नदी कायाकल्प अभियान पर भी चर्चा कर इसकी सफलता का श्रेय शहर के नागरिकों को दिया गया.