
अजान के कलीमात से हिंदुस्तान में फैली बदअमनी होगी दूर – जमील मौलाना
*शहीद बाबरी मस्जिद की याद में दी गई इज्तेमाई अजान
जालना: बाबरी मस्जिद की शहादत को ३० साल पूरे हो चुके है. हर साल मस्जिद की आद में ६ दिसंबर को दोपहर ३.४५ को इज्तेमाई अजान का आयोजन होता है. इस अजान का एक मकसद आने वाली नस्लों को इस काले दिन के बारे में बताना है तथा दूसरा यह की अजान के कलीमात से हिंदुस्तान में फैली बदअमनी, बेइन्साफी, जुल्म, दहशतगर्दी का जो माहौल है वो अजान की बरकत से खत्म होगा तथा देश में हर तरफ अमन व शांति का माहौल होगा.
यह कहना रहा रजा अकादमी के मराठवाड़ा अध्यक्ष सैय्यद जमील मौलाना का. हर साल की तरह इस बार भी दुखी नगर स्थित केजीएन रोड पर इज्तेमाई अजान का आयोजन किया गया था. इस समय जमील मौलाना ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा की जो अजान दी जा रही है उसकी नमाज भले ही आज पढी नही जाएगी लेकिन हमें यकीन है की हमारी आने वाली नस्लें एक दिन बाबरी मस्जिद में जमात खड़ी करेंगे. उन्होंने कहा की जहां एक बार मस्जिद बन जाती है वो हिस्सा जमीन से लगाकर अर्श ए आजम तक कयामत के दिन तक मस्जिद ही कहलाता है.

आज आयोजित इज्तेमाई अजान में बच्चों से लगाकर युवा और बूढ़े भी बढी संख्या में उपस्थित थे. इस समय इकबाल पाशा, एमआयएम जिलाध्यक्ष शेख माजेद, शाह आलम खान, मुनवरखान लाला, गुलाम महबूब, असदउल्ला रजवी, मुक्तार बागवान, शेख मुदस्सिर, अमजद खान, जोहेब अंसारी, सैयद मोहसिन रिजवी, फैयाज कुरैशी, सोहेल कुरैशी, हाफिज अमजद रजा, हाफिज सैयद उमर रजवी, हाफिज नौशाद रजा, हाफिज यासीन, हाफिज मुनवर रजा, हाफिज रेहान रजा, शेख महबूब, दादेखान साहब सहित बड़ी संख्या में युवक उपस्थित थे.
*आरिफ कॉलोनी के पास भी दी गई इज्तेमाई अजान
नया जालना के आरिफ कॉलनी के पास भी दोपहर को ३.४५ बजे बाबरी मस्जिद की शहादत की याद में इज्तेमाई अजान दी गई. इस मौके पर मौलाना अल्लाह बख्श अमजदी ने कहा के मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगी. हम अल्लाह ताला की बारगाह में दुआ करते है के बाबरी मस्जिद के उसी जगह दोबारा तामीर करने के असबाब पैदा फरमाए. मौलाना अल्लाह बख्श अमजदी की दुआ पर मजलिस खत्म हुई. इस समय बडी संख्या में लोग मौजूद थे.
* बुऱ्हाण नगर में भी दी गई सामूहिक अजान
नया जालना के बुºहाण नगर में जमात रजा ए मुस्तफा द्वारा बाबरी मस्जिद की शहादत की याद में इज्तेमाई अजान दी गई. इस समय मुफ्ती गुलाम नबी अमजदी, हाजी शफीक, हाजी आरिफ, अब्दुल अजीज, शाहीद दाऊद, जुबैर रेहान, सकलैन, नूर मोहम्मद, सैयद यासीन आदि उपस्थित थे.
