खाते से ट्रांसफर की गई राशि ब्याज और शिकायत खर्च सहित लौटाने के आदेश 

* उपभोक्ता आयोग ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र

जालना: ग्राहक की सहमति लिए बगैर ही ग्राहक के खाते से रक्कम ट्रान्सफर करने का मामला पुराना जालना की बैंक ऑफ महाराष्ट्र में उजागर हुआ था. इस मामले में ग्राहक आयोग ने बैंक को सेवा में कमी का दोषी करार देने और ग्राहक को परेशान करने के चलते रक्कम ब्याज सहित लौटाने और शिकायत खर्च अदा करने के आदेश जारी किए. 

संजोग नगर के विद्यार्थी अंकित अजय पुराणिक का बैंक ऑफ महाराष्ट्र पुराना जालना शाखा में बचत खाता है. ६ दिसंबर २०२० से ९ अप्रैल २०२१ की कालावधी में बचत खाते के  7,860 रुपए रक्कम बैंक द्वारा दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दी गई. इस बारे में अंकित पुराणिक ने बैंक व्यवस्थापन से लेखी शिकायत की तथा वकील के मार्फत कानूनी नोटीस भी भेजी गई लेकिन बैंक ने जवाब नही दिया. आखिरकार अंकित ने एड महेश धन्नावत के माफर्त जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत की. 

आयोग के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान नियुक्त वकील ने जिरह बहस करते हुए कहा की मोबाइल बैंकिंग, यु पी आय, गुगल पे, फोन पे जैसे डिजिटल एप के जरिए होने वाले बैंकिंग व्यवहार तथा खातेदारों की सुविधा के लिए जगह जगह नियुक्ति प्रतिनिधियों की मदद से आधार कार्ड और थंब द्वारा आॅनलाईन रुप से खाते के राशि दूसरे खातों में ट्रांसफर होती है. ओटीपी के बिना ऐसे ट्रांसफर संभव नहीं. इस प्रक्रिया के बाद ही पैसे मुख्य खाते में जमा होते है. लेकिन इसके जवाब में एड धन्नावत ने कई मुद्दे उठाते हुए बताया की इस पूरे मामले में बैंक की सेवा में त्रुटि नजर आ रही है. पैसे किसके खाते में जमा हुए है इसकी जानकारी बैंक को होनी ही चाहिए.  बैंक खाते से कटौती की गई राशि, भेजा गया ओटीपी, खातेदार के मोबाईल क्रमांक पर भेजा गया संदेश आदि कुछ भी बैंक ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया.  बैंक स्टेटमेंट में पैसे ट्रांसफर तो दिख रहे है लेकिन किसके खाते में ट्रांसफर हुआ है इसकी कोई जानकारी ही नहीं. विविध एप के तहत हुए ट्रॉन्फसर का खुलासा भी बैंक ने आयोग के समक्ष नहीं किया है. 

आयोग ने आदेश जारी करते हुए बैंक को कहा की वो ग्राहक को ब्याज सहित राशि लौटाए तथा शिकायत खर्च के रूप में ५ हजार रुपए अदा करें. यह आदेश जिला  ग्राहक तक्रार निवारण आयोग की अध्यक्षा नीलिमा संत,  सदस्या मंजुषा चितलांगे ,नीता कांकरिया ने जारी किए.  

इस संदर्भ में एड धन्नावत ने कहा की इस पूरे मामले में बैंकिंग व्यवस्था की लापरवाही ही नजर आ रही है. पैसे किसके खाते में ट्रांसफर हुए है इसकी जानकारी आज तक बैंक को भी नही है. आखिर पैसे गए तो गए कहां यह भी सवाल अभी भी खड़ा हुआ है. बैंक के पास पैसे कहां ट्रांसफर किए गए इसकी जानकारी होना जरुरी है जो इस मामले में नजर नही आयी. 

फोटो: एड महेश धन्नावत.