
कोकाटे हदगांव मामले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा कराई जाए – विधायक पडलकर
* सहायक पुलिस निरीक्षक ने नागरिकों के साथ गाली गलौच और पिटाई करते हुए विधायक तो भी दी थी गालिया
* धनगर समाज ने जिलाधिकारी कार्यालय पर निकाला मोर्चा
* सहायक पुलिस निरीक्षक नागवे के विरुद्ध जमकर घोषणाबाजी
जालना: आष्टी पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक शिवाजी नगावे ने कोकाटे हादगांव मामले में अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए गरीब नागरिकों पर रझाकार पद्धति से अत्याचार किया है. पुलिस का कर्तव्य है कि पीड़ित जनता को सुरक्षा प्रदान कर उन्हें इंसाफ दिलवाए लेकिन जालना पुलिस ऐसा करने में असक्षम नजर आ रही है. कोकाटे हादगांव मामले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाने की मांग को लेकर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में समाज बंधुओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकालकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया. इस समय विधायक पडलकर ने भी जालना में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.

अंबड चौफुली से जिला जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर निकाले गए इस मार्च में विधायक पडलकर ने भी शिरकत की तथा कहा की सहायक पुलिस निरीक्षक शिवाजी नागवे का चेहरा मासूम नजर आता है लेकिन इस मासूम चेहरे के पीछे हैवानियत छिपी हुई है. उन्होंने कहा की लोकप्रतिनिधी होने के नाते वहां के लोगों ने मुझे फोन किया था. जिसके बाद मैंने जालना में पुलिस को फोन कर जरूरी कार्रवाई करने की मांग की थी. इसके बाद सहायक पुलिस निरीक्षक नागवे गांव पहुंचे तथा अपना आपा खो दिया विधायक को किसने फोन किया यह कहते हुए जनता को गालियां देने लगे. फरियादी की बेदर्दी से पिटाई की गई तथा उसे दो दिन तक पुलिस हिरासत में रखा गया. इस मामले में पुलिस ने रिश्वत लेकर काम किया है. इसलिए इस पूरे मामले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करने की मांग विधायक पडलकर ने की. उन्होंने यह भी कहा की हम खामोश नही बैठेंगे मामले को अदालत तक पहुंचाया जाएगा तथा विधि मंडल में भी आवाज उठाई जाएगी.

पुलिस की इस अमानवीय कार्रवाई से समाज की शांति भंग हुई है और कानून के प्रति आस्था कम करने वाले आचरण से पुलिस बल की छवि धूमिल हुई है. पुलिस का कर्तव्य निभाने के बजाए खुद के लाभ के लिए कानून का दुरुपयोग किया गया है, इसलिए नागवे पर कानून कार्रवाई कर बर्खास्त किया जाए. उसके खिलाफ रिश्वत अधिनियम के तहत जबरन वसूली का मामला दर्ज की जाए और खाता अंतर्गत जांच की जाए. बर्खास्तगी तक उन्हें किसी भी थाने में नियुक्त ना किया जाए. घटना की गंभीरता को देखते हुए आष्टी थाने के 28 नवंबर से 1 दिसंबर 2022 तक के सीसीटीवी फुटेज को जब्त किया जाए, सहायक पुलिस निरीक्षक शिवाजी नागवे की फोन कॉल डिटेल ली जाए. बैंक खाते चेक किए जाए आदि विविध मांगे इस समय की गई.

इस आंदोलन में बलीराम खटके, एड अशोक तारडे, पांडुरंग कोल्हे, रामभाऊ लांडे, बाबा आटोले, अशोक लांडे, बालासाहेब तायडे, राम लांडे, शारदा पांढरे, दीपक बो-हाडे, ओमप्रकाश चित्तलकर, डा. प्रकाश इंगले, यादवराव राऊत, बापू मेटकरी, धनाजी गडदे, नंदू लंवगे, माऊली हलणवर, शिवदास बीडगर, शिवाजी तरवटे, रामेश्वर काले, अक्षय आटोले, रंगनाथ देवकाते, कैलास खांडेकर के साथ ही जालना और परभणी जिले के धनगर समाज बंधु बडी संख्या में उपस्थित थे.
* कडा पुलिस बंदोबस्त

इस समय परिसर में कडा पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया था. उपविभागीय पुलिस अधिकारी नीरज राजगुरु के साथ ही पुलिस निरीक्षक सैय्यद, पुलिस निरीक्षक जायभाये, एपीआय वडते, भावले, उपनिरीक्षक ज्ञानदेव नागरे सहित पुलिस कर्मचारी मौजूद थे. प्रभारी पुलिस अधीक्षक इंदल सिंग भवरे ने आंदोलनकारियों से ज्ञापन स्वीकार किया.