
भारी वाहन से होने वाली दुर्घटनाएं जान पर बनी आफत
* घायल बालक ने अस्पताल में दम तोडो
* वर्ष भर में दो मौत, हर घंटे शहर में दर्जनों भारी वाहन करते है प्रवेश जालना: जालना शहर के रास्तों पर भारी वाहनों की आवाजाही काफी बढ़ गई है. शहर के अंबड चौफुली से नुतन वसाहत होते हुए रेलवे स्टेशन मार्ग पर तो भारी वाहनों का आतंक महसूस होने लगा है. बुधवार को सीमेंट से लदे भारी वाहन की चपेट में आने वाले १७ वर्षीय बालक की मंगेश दारासिंग भोंगले ने रात में अस्पताल में दम तोड़ दिया. जिससे शहर में अब भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.
* अब तक दो मौतें
अंबड चौफुली से रेलवे स्टेशन रोड पर इस वर्ष भारी वाहन की चपेट में आने से दो मौत हो चुकी है जबकि हर दिन की दुर्घटना में वाहनों को नुकसान तथा पैदल यात्रियों के घायल होने की संख्या काफी अधिक है. इस रास्ते से छोटे ट्रक नहीं बल्कि अब २० चक्कों के बडे बडे कैटरपिलर गुजरने लगे है. यही हाल शहर के कन्हैया नगर-कालेचौक- गोल्डन जुबली स्कूल का भी हो चुका है. इस रास्ते से ट्रेवल्स बसे और एसटी बसों के अलावा मालवाहक ट्रक भी पूरी रफ्तार से गुजरने के कारण हर दिन लोगों की जान पर आफत बढ़ती जा रही है.
* नियम केवल कागजों पर
वैसे जालना शहर के कुछ इलाकों में सुबह ८ बजे से रात १० बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर पाबंदी तो है लेकिन यह केवल दस्तावेजों तक ही सीमित है. लेकिन अंबड चौफुली से रेलवे स्टेशन तक भारी वाहन के प्रवेश पर वर्ष २०१८ से जिलाधिकारी के निर्देश पर पाबंदी हटा दी गई है. जिससे पुलिस भी इसमें कुछ खास करने की स्थिति में नही है. रेलवे स्टेशन पर मालधक्के से माल गोदामों तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस रास्ते पर भारी वाहनों की इजाजत है. लेकिन सवाल यह है की इस नियम के आड़ में क्या २० चक्कों के ट्रक भी शहर में प्रवेश कर सकते है?
* हर घंटे ट्रैफिक जाम
इन भारी वाहनों के अलावा शहर में नौजवान भी बडी बडी दुपहिया वाहनों के साइलेंसर बदलकर करकश आवाज में तेज रफ्तार गाड़ियां दौड़ाते है. जिससे दुर्घटनाएं तो होती ही है लेकिन ट्रैफिक जाम की समस्या भी सिरदर्द बन चुकी है.
* उढाण पुल से रेलवे स्टेशन तक सीमेंट रास्ते का काम भी चल रहा है बावजूद इसके भारी वाहनों के प्रवेश को रोका नहीं गया है जिस कारण ट्रैफिक की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है.
इस संदर्भ में जब यातायात शाखा के पुलिस निरीक्षक गुनाजी शिंदे से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वर्ष २०१८ में जिलाधिकारी द्वारा जारी निर्देश के कारण उन्हें अंबड चौफुली से रेलवे स्टेशन तक भारी वाहनों पर कार्रवाई करना संभव नहीं है.
इस संदर्भ में जालना जिलाधिकारी डॉ विजय राठोड का कहना रहा कि रेल्वे स्टेशन से अंबड चौफुली तक भारी वाहनों के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग हो सकता है क्या? इस बारे में क्या किया जा सकता है इसको लेकर जरुरी जानकारी हासिल कर निर्णय लिया जाएगा.