
ईसार की राशी तीन साल के ब्याज सहित लौटाए
* उपभोक्ता आयोग ने डेवलपर को दिए आदेश
जालना: इसार की रक्कम लेने के बावजूद ग्राहक को प्लाट देने में आनाकानी करने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने ईसार की रक्कत तीन साल के ब्याज सहित ग्राहक को लौटाने के आदेश डेवलपर को दिए.
रिया रेसिडेन्सी के नाम से एनए लेआऊट प्लॉट किस्तों के रूप में बिक्री के लिए उपलब्ध होने के पॉम्पलेट और इश्तिहार देखकर पराग देशमुख (जालना), आशीष खोंडे (औरंगाबाद) और योगीराज देशपांडे ( पुणे ) ने प्रत्येक के लिए 600 वर्ग फुट प्लॉट के लिए संबंधित डेवलपर के पास ३ लाख ४ हजार ५०० रुपए की ईसार की रक्कम जमा की थी. बाकी की ५५ हजार ५०० रुपए लेकर जब तीनों ग्राहक १० अक्तुबर २०१९ को खरेदी खत करने के लिए पहुंचे तो डेवलपर ने वादा किया कि एन ए लेआउट और दस्तावेजों की कमी के कारण अभी खरीदी बिक्री नहीं की जा सकेगी लेकिन जल्द ही प्लाट उन्हें बेचने का आश्वासन भी दिया.
लेकिन वादे के मुताबिक काम नहीं होने के कारण ग्राहकों ने वकील के जरिए नोटिस भेजी. जिसमें डेव्हलपर ने वादा किया की २९ मई २०२० तक वो हर हाल में खरीदी खत करके देगा.
लेकिन हर बार टालमटोल के रवैये से परेशान ग्राहकों ने एड महेश धन्नावत के मार्फत ग्राहक आयोग में अपील की. एड आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान एडवोकेट महेश धन्नावत ने डेवलपर के पास जमा की गई राशि, ईसार रसीद जैसे तमाम साक्ष्य पेश कर पुरजोर दलील पेश की और साथ ही डेवलपर द्वारा भेजा गया वह पत्र जिसमें उसने कहा कि वह गैर-कृषि के कारण प्लॉट नहीं खरीद सका, सहित अन्य दस्तावेजों को भी आयोग के समक्ष रखा गया.
सुनवाई के बाद आयोग ने डेव्हलपर को आदेश दिए की डेवलपर पराग देशमुख को 94 हजार 500 रु, आशीष खोंडे को एक लाख दस हजार, योगीराज देशपांडे को एक लाख रुपए 10 अक्टूबर, 2019 से ब्याज सहित वापस लौटाए तथा शिकायत खर्च के रूप में १० हजार का मुआवजा भी दे.

यह आदेश उपभोक्ता आयोग की अध्यक्षा नीलिमा संत, सदस्य मंजूषा चितलांगे, नीता कांकरिया ने जारी किए.