योग भवन और वाचनालय निर्माण कार्य फिर सुर्खियों में

* मामला कोर्ट में होने के बावजूद दोबारा काम शुरू

जालना: जालना शहर के मास्टर फुलंब्रीकर नाट्यगृह के पास सर्वे नंबर २२८ पर वक्फ की इनामी जमीन पर बनाए जा रहे योग भवन और वाचनालय के निर्माण कार्य का मामला अदालत में जाने के बाद वर्ष २०१९ से बंद था. इस बीच संबंधित ठेकेदार ने अचानक काम शुरु कर दिया. मामले के तूल पकड़ने के बाद जिला वक्फ अधिकारी का कहना रहा की उन्होंने जालना नगर पालिका को निर्माण काम रोकने को लेकर पत्र दिया है.

* मामला अदालत में जाने के बाद अदालत ने स्टेटस को दे दिया था

गौरतलब है कि जिस भूखंड पर निर्माण कार्य हो रहा है उसे श्यामाप्रसाद मुखर्जी उद्यान के नाम से जाना जाता है. सरकारी योजना के तहत यहां करोड़ों रुपए खर्च कर योग भवन और वाचनालय बनाने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री सांसद रावसाहेब दानवे ने वर्ष २०१८ में बडी निधी मंजुर करवाई थी. लेकिन काम शुरु होने के बाद इस भूखंड को अब्बासिया मस्जिद की इनामी जमीन बताते हुए दरगाह हजरत जानुल्लाह शाह बाबा के खादिम मोहम्मद जावेद मोहम्मद युसूफ ने वक्फ ट्रिब्यूनल में २४५/ २०१८ दावा दाखिल किया था. जिस पर अदालत ने २०१९ में स्टेटस को प्रदान कर दिया था.

* अचानक काम शुरु होने से वक्फ के हितचिंतकों में खलबली

गौरतलब है कि निर्माण कार्य काफी तेजी से पूरा करने का प्रयास इससे पहले ठेकेदार ने किया था तथा सूत्रों की मानें तो अब तक ३ करोड़ से अधिक का निर्माण हो चुका है, उस समय तेजी से हुए काम के चलते तीसरी मंजिल का काम भी लगभग होने को था. अचानक काम बंद होने के कारण ठेकेदार परेशान था तथा हर हाल में काम शुरू करना चाहता था. इस बीच पिछले दो माह से निर्माण कार्य के भीतर के हिस्से में चोरी छिपे प्लास्टर का काम किया गया. पिछले १५ दिनों से काम में जैसे ही तेजी आई वक्फ के हितचिंतकों ने जिला वक्फ अधिकारी से शिकायत की.

* नप को पत्र देने का दावा किया जिला वक्फ अधिकारी ने

इस मामले को लेकर जब जालना जिला वक्फ अधिकारी रियाज सौदागर से संपर्क किया तो उन्होंने लापरवाही भरा जवाब देते हुए बोर्ड अदालत के मामले में पार्टी नहीं होने की बात कहकर बात रफा दफा करने की कोशिश की लेकिन यह जरूर कहा की इस मामले में उन्होंने जालना नगर पालिका को कुछ दिन पहले पत्र देकर काम रुकवाने को कहा है.

* जिला वक्फ अधिकारी की लापरवाही से हो रहा वक्फ की संपत्ति को नुकसान

गौरतलब है की वक्फ को नुकसान न पहुंचे इस उद्देश्य से वक्फ बोर्ड कर्मचारियों की नियुक्ति कर उन्हें वेतन देता है लेकिन जालना जिले में आने वाले जिला वक्फ अधिकारी केवल पंचनामे कर दस्तावेजी कार्रवाई कर अपना हाथ उठा लेते है. इस मामले में भी अब तक जिला वक्फ अधिकारी द्वारा तीन बार पत्र निकाले तो गए है लेकिन इससे आगे कुछ नहीं. जरुरत यह थी कि जिला वक्फ अधिकारी संबंधीतों पर पुलिस में मामले दर्ज कर काम होने ही नही देता लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. अदालत में जाने वाले खादिम का सहयोग करने के बजाए बोर्ड इसमें पार्टी नहीं होने की बात कहकर कन्नी काटी जा रही है. अधिकारी का यह रवैया वक्फ की संपत्ति के लिए नुकसानदायक साबित होगा.

* सार्वजनिक निर्माण कार्य अभियंता मामले से नजर आए अनभिज्ञ

इस मामले को लेकर जब ने सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के अभियंता राहुल पाटील से संपर्क किया तो उन्होंने साफ कहा की वे हाल ही में जुडे है उन्हें पहले इस बात का पता नही था की मामला क्या है. पिछले सप्ताह इस विषय को लेकर बैठक हुई थी. लेकिन दो दिन पहले उन्हें वक्फ बोर्ड से शिकायती पत्र मिला है जिसकी जांच की जिम्मेदारी उपअभियंता नागरे को दे दी गई है. जांच के बाद कानूनी रूप से कदम उठाए जाएंगे.