
माता-पिता के संस्कारों को न भूलें बच्चे – सिमाताई खोतकर
जालना : माता-पिता अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए कड़ी मेहनत करते है, उन्हें अच्छी शिक्षा देते है ताकि बच्चे अपने जीवन में हमेशा खुशहाल रह सके. ऐसे में बच्चों की भी जिम्मेदारी है की वो अपने माता-पिता के संस्कारों को न भूलें तथा ऐसे काम करें जिससे माता-पिता का नाम हमेशा रोशन होता रहे. यह प्रतिपादन समाजसेविका सिमाताई खोतकर ने किया.
बाथ्री तेली महिला एकता मंडल की ओर से वरिष्ठ नागरिकों, मेधावी छात्राओं का अभिनंदन एवं नि:शुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन शुक्रवार को किया गया था. इस समय उस समय मार्गदर्शन करते सिमाताई खोतकर ने अपनी बात रखी. कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज सेविका अनया अग्रवाल ने की. इस समय जेष्ठ नागरिक किशनलाल जेठे, शंकरलाल रोडीया, कविता लिधोरिये आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
आगे बोलते हुए सिमाताई खोतकर ने कहा कि बच्चों को अभिभावकों की उम्मीदों के अनुरूप काम करना चाहिए, उन्होंने हाल की घटनाओं को देखते हुए छात्राओं से सतर्क रहने और अपने संस्कारों को बचाए रखने की अपील की.
इस समय अनाया अग्रवाल ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों को किसी भी कार्य को हाथ में लेने से पहले एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और फिर धीरे-धीरे उस लक्ष्य के अनुसार कार्य करना चाहिए, समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास करना चाहिए परिवार, समाज और देश के लिए योगदान देना चाहिए.
कार्यक्रम के प्रारंभ में गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया, जिसके बाद गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया गया. आभार सारिका सतपुरिया ने माना.
इस समय १५० लोगों के नेत्रों की जांच की गई. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आशा रोडीया, आरती चौंडीये, शितल चौंडीये, किर्ती लिधोरीये, ज्योती बन्सीले, उमा लाचुरिये, कल्पना चौंडीये, लता चौंडिये, प्रेमा लिधोरीये आदि ने परिश्रम किया.
