बडी मछलियों को बचाने में जुटा नजर आ रहा प्रशासन
*सेवक पर ठिकरा फोड़ ही दिया नगर पालिका ने * सिर्फ एक पर कार्रवाई से कई सवाल हुए खडे * कोरोना काल दंड वसूली मामला
जालना: आखिरकार कोरोना काल में दंड वसूली में हुए भ्रष्टाचार के मामले में नगर पालिका के सेवक संतोष अग्निहोत्री के विरुद्ध कदीम जालना पुलिस थाने में मामला दर्ज करने के आदेश न प मुख्याधिकारी संतोष खांडेकर ने लेखाधिकारी प्रभाकर बाबुराव कालदाते को गुरुवार को दे ही दिए. लेकिन करीब १८ लाख ३२ हजार के गबन तथा ५१ पावती पुस्तक के गबन के मामले में सेवक को निशाना बनाया जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है. साफ है कि नप प्रशासन भी महकमे की बड़ी मछलियों को बचाने के प्रयास में है.
गौरतलब है की एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल कमिटी के अध्यक्ष साद बिन मुबारक द्वारा इस मामले में सबसे पहला पत्र मई २०२२ में दिया गया था. ५ माह बाद इस मामले में एक सेवक के विरुद्ध मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए गए. संतोष अग्निहोत्री इस मामले में पहले ही निलंबित है तथा अब उनपर मामला ही दर्ज हो जाएगा.
* करीब चार दर्जन लोग आएंगे शिकंजे में
इस संदर्भ में नाराजगी जताते हुए शिकायतकर्ता साद बिन मुबारक ने कहा की, यह मामला जितना छोडा करके दिखाया जा रहा है उससे कई बडा है. ऑडिट के दौरान बोगस पावती बुक भी जमा होने की बात सामने आयी थी. ये किसने छापी तथा नप तक किसने पहुंचाया यह बड़ा सवाल आज भी है. ५१ पावती बुक आज भी गायब है. कई पावती बुक से १ लाख तक का दंड वसूला गया है. उस लिहाज से ५१ गायब पावती बुक से ५० लाख से अधिक की वसूली की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. जो २४ लाख जमा बताए जा रहे है वो भी शिकायत के बाद तथा बिना नियमों का पालन किए बिना सरकारी चालान का उपयोग किए ही जमा कर दिए गए है जो गैरकानूनी है. पुलिस महकमे विशेषकर कदीम जालना पुलिस को दी गई कई पावती बुक अभी जमा नहीं हुई है. शिक्षकों और नप वसूली दस्ते में से भी कईयों के पास आज भी पावती बुक है. सन लोगों ने सरकारी सामग्री अपने पास क्यों रखी इसका जवाब कोई नही दे रहा है. इस मामले की सही दिशा में जांच होने पर चार दर्जन लोग कानून के शिकंजे में आएंगे.
* क्या एक सेवक के भरोसे चल रही है नप?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है की लाखों की वसूली की जिम्मेदारी एक सेवक संतोष अग्निहोत्री को क्यों दी गई? क्या एक सेवक के भरोसे ही जालना नप चल रही है? जबकि सरकारी पगार तो कार्यालय में काम करने वाले दो दर्जन से अधिक अधिकारी कर्मचारी उठा रहे है.