भारत के संविधान का प्रचार करने में अग्रसर दंपत्ति

* मुफ्त संविधान वितरण तथा जनजागरण मोहीम

जालना:  यदि कोई परीक्षा में सफल होता है, किसी को पुरस्कार मिलता है, किसी के दुकान का शुभारंभ है या किसी का जन्मदिन है तो हम अभिनंदन करने के लिए बुके या माला लेकर जाते है. लेकिन जालना के संतोष धारे और माधुरी धारे  पती – पत्नी भारत के संविधान की प्रस्तावना   और  भारतीय संविधान के अंतर्गत इन दोनों किताबों को उपहार स्वरूप प्रदान करते है. इस कार्य में अब उनका ३ साल का पुत्र शौर्य भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है.  एक क्रम पिछले करीब एक वर्ष से निरंतर चला आ रहा है.

फोटो: जालना के धारे दंत्ती द्वारा भेंट स्वरुप कोई वस्तु न देकर भारत के संविधान की प्रस्तावना देने का उपक्रम शुरू किया गया है. जिसकी सराहना हो रही है.

इस संदर्भ में संतोष धारे ने बताया कि, भारत का स्वतंत्रता संघर्ष जिस नैतिक मूल्यों से प्रेरित था वही मुल्ये भारत के संविधान में शामिल है. भारत का संविधान लोकतंत्र का आधारशिला बन गया है. स्वातंत्र्य, समता, बंधुता और न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुल्ये भारत के संविधान में शामिल है. हमारा लक्ष्य भारत को सार्वभौम, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतंत्र बनाना है लेकिन वास्तविक जीवन मे बहुत लोग है जिनको भारत के संविधान के मूलभूत बातें पता नहीं है. कम से कम लोगों को मूलभूत अधिकार, मूलभूत कर्तव्य, महत्वपूर्ण कलम, परिशिष्ट, भाग और सर्वोच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णय पता होने चाहिए.  इसलिए  यह उपक्रम शुरू किया है.

धीरे दंपत्ति का कहना है की इस साल  भारत के संविधान के अंतर्गत इस  किताब की ३० प्रतियां और  भारत के संविधान की प्रस्तावना   की २० प्रतिमा भेंट स्वरुप प्रदान की है. तथा यह उपक्रम वे उम्र भर जारी रखेंगे.