
समृद्धि महामार्ग के ठेकेदारों को ‘समृद्ध’ करने का फैसला?
समृद्धि महामार्ग के ठेकेदारों को ‘समृद्ध’ करने का फैसला?
* अवैध गौण खनिज उत्खनन को लेकर दंड के आदेश आखिरकार रद्द
* जालना में काम करने वाली ठेका कंपनी को ३२८ करोड़ रुपए माफ
जालना: हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के निर्माण के लिए अवैध रूप से गौण खनिज का उत्खनन करने के मामले में महसूल विभाग द्वारा ठेका कंपनी पर लगाए गए दंड की नोटिसों को आज राज्य सरकार ने रद्द कर दिया. सरकार के इस फैले को समृद्धी महामार्ग के ठेकेदारों को समृद्ध करने का निर्णय बदनापुर के पूर्व विधायक संतोष सांबरे ने करार दिया.
बता दे की समृद्धी महामार्ग के जालना से विशेषकर बदनापुर तहसील से होकर गुजरने वाले विविध गांवों से संबंधित ठेका कंपनी मोंटे कार्लाे लिमीटेड ने गांव परिसरों में ही अवैध रुप से मुरुम तथा पत्थर सहित अन्य गौण खनिज का उत्खनन कर मार्ग बनाने के लिए इसका गैरकानूनी रूप से उपयोग करने का आरोप पूर्व विधायक तथा उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के संतोष सांबरे ने लगाया था. पूर्व विधायक संतोष सांबरे ने राजस्व विभाग से शिकायत कर अवैध रूप से खनन करने वाली कंपनी पर रॉयल्टी वसूलने और जुमार्ना लगाने की मांग की थी. जिसके बाद राजस्व विभाग ने नोटिस जारी किए थे.
इसके बाज जालना जिलाधिकारी ने संबंधीत ठेका कंपनी पर तीन चरणों में 328 करोड़ का जुमार्ना लगाया था.
जालना जिले में समृद्धि महामार्ग कार्य के लिए जालना तहसिल और बदनापुर तहसिल में अवैध गौण खनिज खनन के लिए संबंधीत तहसिलों के तहसीलदारों द्वारा लगाए गए 328 करोड़ रुपये के जुमार्ने के खिलाफ ठेका कंपनी कोर्ट ने मोंटे कार्लो लिमिटेड ने मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में याचिका दायर की थी. उस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसलिए साफ था कि यह जुमार्ना तो भरना ही पड़ेगा. लेकिन आज हुई बैठक में सरकार ने जुर्माना माफ करने का फैसला लिया.
पूर्व विधायक सांबरे ने फडणवीस-शिंदे सरकार के फैसले की निंदा की और कहा कि सरकार ने कंपनी को फायदा पहुंचाया है और सरकारी खजाने के नुकसान की चिंता नहीं की है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी लेकिन सरकार ने कंपनी के दबाव में आकर रॉयल्टी और जुमार्ना माफ कर दिया.
ज्ञात हो कि मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे, जिसे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग भी कहा जाता है, 10 जिलों, 26 उप-जिलों और 392 गांवों से होकर गुजरेगा और निर्माण कार्य को 16 जोन में विभाजित किया गया था जिसमें मोंटेकार्लो आठवें जोन पर काम कर रहा था.
