
जातिसूचक गालियां देने वाले को एक साल की सजा और १ लाख ८ हजार का दंड
जालना: जालना जिला व सत्र न्यायाधीश एडी देव ने जातीसूचक गालियां देकर मारपीट करने के मामले में आरोपी महादेव अंबादास खोड़के, दत्ता अंबादास खोड़के, शकुंतला विष्णु खोड़के, कृष्ण विष्णु खोड़के(सभी निवासी हेलस तहसिल मंठा) को विविध धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. आरोपियों को अलग अलग धाराओं के तहत करीब १ लाख ८ हजार रुपए का दंड भी भरना होगा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार २७ जुलाई २०२० को शाम ५ बजे हेलस गांव में फरियादी शारदाबाई रमेश प्रधान, साक्षीदार योगेश रमेश प्रधान, रमेश आश्रवा प्रधान जब अपने खेत में काम कर रहे थे. तभी आरोपी महादेव अंबादास खोड़के, दत्ता अंबादास खोड़के, शकुंतला विष्णु खोड़के, कृष्ण विष्णु खोड़केअपनी बैलगाडी फरियादी के खेत से ले जाने लगा जब उन्हे टोका गया तो इन लोगों ने जातीसूचक गालियां दी तथा पीटाई कर दी. इस हमले में इन लोगों ने लाठी, कुल्हाड़ी का डंडा, पत्थरों का जमकर प्रयोग किया जिसमें फरियादी और उसके साथ वाले लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
इस मामले में मंठा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया. मामले की जांच के बाद जब अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया तो अदालत ने आरोपियों को दोषी करार दिया.
इन आरोपियों को आईपीसी की धारा 324, 504, 506 लगाई गई है एवं धारा 3(1)(आर)(एम), 3(2)(वीए) अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत प्रत्येक को एक-एक वर्ष कठोर श्रम व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. जुमार्ने की राशि में से 10 हजार रुपये वादी व घायल गवाह को देने का आदेश दिया है. सरकार पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता एड दीपक कोल्हे ने बताया की सभी आरोपी को एक साल की सजा के साथ ही कुल मिलाकर १ लाख ८ हजार रुपए का दंड भरने का आदेश दिया गया है. वसूले जाने वाले दंड में से घायल फरियादी और गवाहों को भी मुआवजा दिया जाएगा.
