
आठ साल की बच्ची का विनयभंग करने वाले ६७ वर्षीय को तीन साल की कठोर सजा
बाल दिन पर आरोपी को सजा मिलने से परिजनों में समाधान
जालना: प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वर्षा मोहीते ने आज बाल दिन पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आठ साल की बालिका का विनयभंग करने वाले नूतन वसाहत निवासी ६७ वर्षीय आरोपी रंगनाथ श्रीपतराव आव्हाड को दोषी करार देते हुए तीन साल के कठोर कारावास और १० हजार रुपए दंड की सजा सुनाई. दंड नहीं भरने पर ६ माह का साधारण कारावास भुगतना होगा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार ६ जुलाई २०१९ की दोपहर ४ बजे नाबालिग ८ साल की बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर आरोपी अपने साथ किराना दुकान ले गया. लेकिन बालिका 10 से 15 मिनट के बाद रोते हुए घर लौटी. घरवालों ने जब बच्ची को सहमा और डरा हुआ देखा तो उन्होंने उसे दुलारते हुए पूछताछ की. इस समय बालिका ने कहा की आव्हाड बाबा उसे चॉकलेट दिलाने के लिए ले गए थे तथा उन्होंने उसे गोद में बिठाया तथा इस बारे में किसी को कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी.
परिजनों ने पहले तो आव्हाड के पास जाकर उसे समझाया लेकिन बाद में पुलिस कदीम जालना पुलिस थाने पहुंच शिकायत दर्ज करवाई. उसके विरुद्ध भांदवी की धारा 354, 354 (ए) और बाल यौन शोषण रोकथाम अधिनियम की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
मामले अदालत में पहुंचने पर सरकारी पक्ष की ओर से कुल 4 गवाहों से पूछताछ की गई. इसमें शिकायतकर्ता पीड़िता की मां, पीड़िता, मौके पर मौजूद पंच तथा जांच अधिकारी पीए पोवार की गवाही अहमद रही. घटनास्थल का पंचनामा तथा नगर पालिका द्वारा दिए गए जन्म प्रमाणपत्र भी दस्तावेजों के रूप में महत्वपूर्ण साबित हुए.
दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने रंगनाथ आव्हाड को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा सुनाई. सरकार पक्ष की ओर से सरकारी वकील वर्षा लक्ष्मीकांत मुकीम ने पैरवी की.
