
मूर्ती बेस सहित शहर के अन्य बेसों को लेकर मानवाधिकार आयोग के समक्ष आज सुनवाई
सभी बेसों और ऐतिहासिक स्मारकों को हटाकर उनकी प्रतिकृति मोती बाग में स्थापित करने की उठने लगी मांग
जालना: जालना शहर के मूर्ति बेस को लेकर मानवाधिकार आयुक्त के समक्ष 14 नवंबर को होने वाली सुनवाई में जालना जिलाधिकारी इस बेस को लेकर प्रशासन का रुख साफ करेंगे. वहीं इस मामले को मानवाधिकार आयोग तक पहुंचाने वाले एड महेश धन्नावत ने मूर्ति बेस के बचे हुए मलबे को भी सड़क से हटाकर शहर के अन्य बेसों को लेकर भी प्रशासनिक स्तर पर समय रहते जरूरी निर्णय लेने की मांग की है.
अक्तुबर में आयोग के समक्ष किए गए वादे को जिलाधिकारी ने पूरा किया
बता दे की मूर्ति बेस क्षतिग्रस्त होने के बाद करीब एक साल तक छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा से काद्राबाद इस्टेट होते हुए पुराना जालना जाने का मार्ग बंद होने के कारण कई आंदोलन किए गए थे लेकिन प्रशासन इस ऐतिहासिक वास्तू को लेकर पसोपेश में था. इसके पहले मानवाधिकार आयोग के अक्तुबर माह में हुई सुनवाई में जालना जिलाधिकारी डॉ विजय राठोड ने बेस के पास के अतिक्रमण को हटाकर यातायात के लिए मार्ग खोलने का जो कबूलनामा दिया था उसे उन्होंने पूरा किया है. बेस के ऊपरी हिस्से को तोड दिया गया है केवल जमीन से ऊपर कुछ फिट का ऐतिहासिक निर्माण बाकी रखा गया है. बेस के दोनों तरफ से करीब ७ फुट का अतिक्रमण भी हटा दिया गया है.
मूर्ती बेस सहित अन्य बेस को लेकर सर्वेक्षण की रिपोर्ट पेश होने की संभावना
गौरतलब है कि इस मामले में एड महेश धन्नावत ने आयोग से मांग की थी कि जिस तरह मूर्ति बेस क्षतिग्रस्त होने से लोगों को परेशानी हुई है वैसी परेशानी दोबारा अन्य बेसों को लेकर ना हो इसलिए सभी बेसों का सर्वेक्षण किया जाए. यदि उन बेस के पास भी अतिक्रमण हो तो उसे हटाया जाए. साथ ही मरम्मत की जरूरत हो तो समय पर दुरुस्ती की जाए या सभी बेसों को शहर के विकास को मद्देनजर रखते हुए हटा दिया जाए. प्रशासन ने आयोग को इन सभी बेसों का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने का आश्वासन दिया था.
हटा दिए जाए सभी बेस और ऐतिहासिक स्मारक
एड महेश धन्नावत के साथ ही शहर की कुछ संगठनों ने भी शहर से सभी बेस जिसमें मुख्य रूप से मूर्ति बेस, दरगाह बेस, पानी बेस के साथ ही मंगल बाजार बेस के बचे हुए ढांचे, पुराना जालना के मुक्तेश्वर द्वारा का समावेश है को हटाकर उनकी प्रतिकृती मोती बाग में बनाने की मांग की है ताकी शहर का विकास भी हो सके और लोगों को मोती बाग में शहर के इतिहास से रूबरू होने का भी मौका मिल सके.
अतिक्रमण के नाम पर वक्फ को नुकसान पहुंचाने का आरोप
इस बीच दरगाह हजरत जानुल्ला शाह बाबा के खादिम मोहम्मद जावेद मोहम्मद यूसुफ ने कहा की संपूर्ण काद्राबाद इस्टेट दरगाह की इनामी जमीन का हिस्सा है तथा मूर्ति बेस भी वक्फ की संपत्ति है. मूर्ति बेस से सटा जो अतिक्रमण हटाने का दावा प्रशासन कर रहा है वो अतिक्रमण नही था. वास्तव में वक्फ की जमीन पर बनी दुकान और मकान वक्फ द्वारा किराए पर दिए हुए थे. इसके सारे दस्तावेज उनके पास है तथा अब वे इस मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे क्योंकि प्रशासन और स्वयं वक्फ बोर्ड ने वक्फ को नुकसान पहुंचाने का गैरकानूनी काम किया है. इसमें एक बात यह भी है कि आयोग के समक्ष प्रशासन बार बार दोहरा रहा है की मूर्ति बेस वक्फ की संपत्ति है लेकिन आज तक इस संबंध में एक भी आधिकारिक दस्तावेज प्रशासन की ओर से आयोग के समक्ष पेश नहीं किया गया है जिसको लेकर इससे पहले आयोग ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई में इससे संबंधित दस्तावेज भी देने को कहा था. सोमवार को होने वाली सुनवाई पर पूरे शहर की नजर है.

