उर्द एक समृद्ध भाषा इसके साहित्य का कोई मेल नहीं

उर्द एक समृद्ध भाषा इसके साहित्य का कोई मेल नहीं
इकरा स्कूल में वर्ल्ड उर्दू दिन पर विविध कार्यक्रम संपन्न


जालना; किसी भी भाषा की समृद्धि उसे लिखने-बोलने वाले लोगों और उसके साहित्य से होती है. इस मामले में उर्दू बेहद ही समृद्ध भाषा है. उर्दू के माध्यम से भारत की समृद्धि का जो गुणगान हुआ है उतना किसी अन्य भाषा से नही. यह विचार पूर्व नगरसेवक शेख वहीद ने व्यक्त किए.
९ नवंबर को उर्दू दिवस मनाया जाता है. छुट्टियों के बाद स्कूल के पहले दिन बुधवार को ब् वर्ल्ड उर्दू दिन के उपलक्ष्य में चिश्तिया वेलफेयर एण्ड एज्युकेश सोसायटी द्वारा संचालित इकरा उर्दू स्कूल में विविध उपक्रम चलाए गए. इस उपलक्ष्य में शेख वहीद ने उर्दू को लेकर अपनी बात रखी.
उन्होंने कहा कि विश्व उर्दू दिवस सर मोहम्मद इकबाल की की याद में मनाया जाता है, जिनका जन्म 9 नवंबर 1877 को हुआ था. वह एक दक्षिण एशियाई मुस्लिम लेखक, दार्शनिक और राजनीतिज्ञ थे. उर्दू भाषा में उनकी कविता 20वीं सदी की महानतम कविताओं में से एक थी. ब्रिटिश शासित भारत के आजादी की आंदोलन में उनके द्वारा लिखी गई कविताएं आज भी हर भारतीयों के लिए प्रेरणा का काम करती है.
उन्होंने उर्दू अपने देश में संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं में से एक है. यदि हम इतिहास की ओर जाएं, तो पायेंगे कि उर्दू का उद्भव भारत में ही हुआ. यही वजह है कि हिंदी-उर्दू में जो निकटता है, वह न तो उर्दू व फारसी और न ही संस्कृत व हिंदी में देखने को मिलती है. हिंदी-उर्दू को लिखने में लिपि का अंतर जरूर है, लेकिन हम बिना किसी कठिनाई के बोलने में उर्दू के शब्दों जैसे- रिश्ता, हवा, किस्मत, तारीख, खबर, किताब, कलम, दिल, दोस्त आदि का प्रयोग करते हैं. किसी भी भाषा की समृद्धि उसे लिखने-बोलने वाले लोगों और उसके साहित्य से होती है. इस मामले में उर्दू बेहद ही समृद्ध भाषा है.
इस समय मुख्याध्यापक मुजम्मिल खान सहित स्कूल के शिक्षकों ने उर्दू भाषा को लेकर सभी का मार्गदर्शन किया.

फोटो: इकरा उर्दू स्कूल में बुधवार को विश्व उर्दू दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम संपन्न हुआ.