काद्राबाद गोल मस्जिद को हाईकोर्ट से मिली राहत

* मोहम्मद जावेद की याचिका पर जिला प्रशासन और नप को सख्त निर्देश

* जिस पंचनामे को आधार बनाकर जारी हुए थे निर्देश उसी पर उठाए गए सवाल

जालना:

जालना शहर की काद्राबाद गोल मस्जिद मामले को लेकर जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा आनन फानन में नियमों को ताक पर रख की गई कार्रवाई की पोल एक एक कर खुलने लगी है.  जिस पंचनामे को आधार बनाकर मस्जिद को अतिक्रमण बताकर उसे निष्कासित करने की कोशिश की गई अब वही पंचनामा हाईकोर्ट में मस्जिद को अतिक्रमण नही होने के सबूत के रूप में पेश कर दिया गया. 

* दरगाह के खादिम ने दायर की थी हाईकोर्ट में रिट पिटीशन

गोल मस्जिद को निष्कासित करने को लेकर एक पत्र जालना नगर पालिका ने २० सितंबर को मस्जिद कमेटी को दिया. सच्चाई यह है कि यह पत्र न प मुख्याधिकारी ने जालना जिलाधिकारी द्वारा १५ सितंबर २०२२ को दिए गए पत्र के हवाले से निकाला था. 

* जिलाधिकारी का १५ सितंबर का पत्र अब विवादों में

मोहम्मद जावेद मोहम्मद युसुफ के वकील हमजा पठान ने हाईकोर्ट को बताया की वास्तव में जालना जिलाधिकारी ने १५ सितंबर को जालना नप मुख्याधिकारी के नाम पत्र जारी कर गोल मस्जिद मामले में १२ सितंबर को तहसीलदार और भूमी अभिलेख उप अधीक्षक के संयुक्त पंचनामने के अहवाल का जिक्र करते हुए अनधिकृत निर्माण कार्य को निष्कासित करने को लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. 

फोटो: मोहम्मद जावेद

* पंचनामे की रिपोर्ट ही पेश कर दी हाईकोर्ट में

एड हमजा पठाण ने हाईकोर्ट के समक्ष १२ सितंबर को हुए संयुक्त पंचनामे की रिपोर्ट पेश कर दी. इस रिपोर्ट में यह बात साफ शब्दों में लिखी हुई है की मस्जिद सीटीएस नंबर ५९४२ पर स्थित है जो दर्शाए गए क्षेत्र के भीतर ही है. इस पंचनामा टीम ने पास ही स्थित अन्य भूखंडो का भी जायजा लेकर नपाई की. इस समय सीटीएस नंबर ५६३९ भूखंड पर किया गया निर्माण ०.५० मीटर सडक पर होने की बात कही गई है. जिसे हटाने का आश्वासन वक्फ बोर्ड ने दिया था. इस उल्लेख भी रिपोर्ट में किया गया है. जिलाधिकारी ने इसी पंचनामे को आधार बताकर मस्जिद निष्कासित करने के निर्देश कैसे दे दिए यह सवाल कोर्ट के समक्ष खड़ा कर दिया गया. 

* एड हमजा पठान की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश संजय देशमुख और न्यायाधीश रवींद्र घुगे की बेंच ने २० अक्तुबर को आदेश जारी कर जालना जिलाधिकारी और न प मुख्याधिकारी को साफ निर्देश दिए  दरगाह के खादिम मोहम्मद जावेद मोहम्मद युसुफ द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रत्येक तर्क को गंभीरता से लेकर कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्य करें. मोहम्मद जावेद द्वारा २९ सितंबर को जालना जिलाधिकारी को दिए गए पत्र का उल्लेख भी निर्णय में किया गया जिससे मस्जिद दरगाह हजरत जानुल्लाह शाह बाबा की इनामी जमीन होने के सबूत पेश किए गए है. कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि   यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि किसी भी अवैध संरचना, जिसे आमतौर पर अतिक्रमण के रूप में जाना जाता है, को हटाते समय, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और सुनवाई के अधिकार, यदि कोई हो, का पालन किया जाना चाहिए.

* हमें अदालत पर है पूरा भरोसा – मोहम्मद जावेद

दरगाह के खादिम मोहम्मद जावेद मोहम्मद यूसुफ ने कहा कि, जालना शहर के मुस्लिम समाज से जुड़े इस मुद्दे को लेकर शहर में भ्रम की स्थिति थी तथा वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी भी जब कोई कारगर कदम उठाते हुए नजर नही आ रहे थे तब उन्होंने औरंगाबाद हाईकोर्ट में ११ अक्तुबर को १०८५०/२०२२ रीट पिटीशन दायर की जिसको लेकर आदेश जारी हुए है. मस्जिद दरगाह की इनामी जमीन का हिस्सा है जिसके सभी दस्तावेज हमारे पास है. अब प्रशासन इसमें किसी भी तरह की मनमानी नहीं कर सकेगा. हमें अदालत पर पूरा भरोसा है. 

फोटो: काद्राबाद स्थित गोल मस्जिद
फोटो: काद्राबाद स्थित गोल मस्जिद

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